मुआवजा बढ़ाए जाने को लेकर किसानों ने दिखाई गांधीगिरी

झज्जर में डीसी के माध्यम से पीएम और सीएम को भेजा फूलों का गुलदस्ता

  • पुलिस कर्मियों को भी फूल देकर किया गांधीगिरी सत्याग्रह

झज्जर (सच कहूँ/संजय भाटिया)। केएमपी के साथ बनने वाले रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर के लिए के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दस करोड़ रूपए देने सहित कई अन्य मांगोंं को लेकर मांडौठी टोल पर पिछले 72 दिनों से धरना दे रहे सैकड़ों किसानों ने अपने आंदोलन के दौरान गांधीगिरी दिखाई। किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर झज्जर पहुंचे थे। भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल के नेतृत्व में पहुंचे यह किसान अपने हाथों में फूलों का गुलदस्ता लिए हुए थे, जिसे उन्होंने डीसी शक्ति सिंह के माध्यम से पीएम और सीएम के नाम भेज दिया। इस दौरान इन किसानों लघु सचिवालय में किसानों के आगमन की सूचना पाकर डयूटी पर तैनात किए गए पुलिस कर्मियों को भी फूल भेंटकर अपनी गांधीगिरी का परिचय दिया।

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किसानों का कहना था कि महात्मा गांधी जी ने हम सभी को अंहिसा का रास्ता अपनाने का संदेश दे रखा है। हरियाणा की पहचान हमेशा उग्र प्रदर्शन से रही है। प्रदेश में सीएम चाहे कोई भी रहा हो, लेकिन प्रदर्शन उग्र होते रहे है। इस बार उन्होंने उस लीक से अलग हटकर ही गांधीगिरी का रास्ता अपनाया है ताकि उनकी मांगों का समाधान शांति प्रिय ढंग से निकले। लेकिन सीएम के आदेश के बावजूद भी अधिकारी उनकी मांगों को लेकर जिस ढर्रे पर चल रहे है, उससे ऐसा लगता है कि अधिकारी अपने आपको सुपर सीएम समझते है। वह हरियाणा सरकार और खासकर सीएम की कब्र खोदने में लगे है। ऐसा होने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।

मांगे न मानने पर किसान होंगे आंदोलन करने के लिए मजबूर: दलाल

भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने कहा कि गांधीगिरी अपनाकर एक शांतिप्रिय आंदोलन को संकेत उनकी ओर से दिया जा रहा है। लेकिन यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो फिर उन्हें दूसरा रास्ता जल्द ही अपनाना पड़ेगा। रेल कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दस करोड़ रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से दिए जाने के अलावा मैट्रो विस्तार, हरियाणा की अलग हाईकोर्ट सहित उनकी कुल 17 मांगें है। जिनके लिए सीएम ने अधिकारियों की कमेटी बनाकर उसका समाधान करने के आदेश दिए थे।

लेकिन तय अवधी के बावजूद उन पर अधिकारी कुंडली मारकर बैठे है और समाधान का रास्ता नहीं निकाल रहे है। उन्होंने चेताया कि यदि उनकी मांगेंं पूरी नहीं की जाती है तो फिर आने वाले समय में किसान आर-पार के आंदोलन की शुरूआत करेंगे। जिसके तहत गुरुग्राम और दिल्ली के पानी की सप्लाई, राष्ट्रीय और रेल मार्गों को रोकना, हरियाणा के टोल टैक्स को फ्री करना और हरियाणा को एक दिन के लिए बंद करना इत्यादि शामिल है।

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