बजट 2019 : जेम्स-ज्वैलरी सेक्टर की मांग, सोने पर आयात शुल्क 10% से घटाकर 4% हो

Budget 2019:The Import Duty On Gold Should Be Reduced From 10% To 4%

कट, पॉलिश किए हीरे, जेमस्टोन पर आयात शुल्क 7.5% से घटाकर 2.5% करने की मांग

नई दिल्ली. जेम्स एंड ज्वैलरी उद्योग ने सोने पर आयात शुल्क को 10% से घटाकर 4% करने की मांग की है। कट और (Budget 2019:The Import Duty On Gold Should Be Reduced From 10% To 4%) पॉलिश्ड हीरे एवं जेमस्टोन पर इसे 7.5% से घटाकर 2.5% किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उद्योग ने आगामी बजट में वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के लिए कर्ज के नियमों में ढील दिए जाने की भी मांग की है। ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन अनंत पद्मनाभम ने मंगलवार को बताया कि वित्त मंत्री को लिखे पत्र में हमने कहा है कि चालू खाते के घाटे (सीएडी) पर अंकुश के लिए सोने पर 10% आयात शुल्क लगाया गया था।

भारत का व्यापार घाटा जून 2017 में अनुमान से कम होकर 1,296 करोड़ अमेरिकी डॉलर पर आ चुका था, लेकिन सोने पर आयात शुल्क अभी भी अधिक है। इससे ग्रे-मार्केट को बढ़ावा मिला है। आयात शुल्क अधिक होने से तस्करी के रास्ते देश में सोने की आना बदस्तूर जारी है।

वर्किंग कैपिटल की जरुरतों के लिए कर्ज के नियमों में ढील देने की भी अपील

उन्होंने यह भी कहा, हमने पैन कार्ड की लिमिट को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की भी मांग की है। देश में अभी भी  पैन कार्ड होल्डर आबादी का 50% भी नहीं हैं। इस पर 2 लाख रुपए तक सोने की खरीद पर इसकी अनिवार्यता खासकर ग्रामीण इलाकों में बहुत मुश्किल बात है। गांवों में सोना खरीदने वाले ग्राहक तो इसे साझा करने से बचते हैं या फिर उनके पास पैन है ही नहीं। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन प्रमोद कुमार अग्रवाल ने भी सरकार से अनुरोध किया है कि आयात शुल्क को घटाया जाना चाहिए।

 पॉलिश्ड डायमंड पर इसमें कटौती के साथ-साथ पॉलिश्ड जेमस्टोन पर भी इसे 7.5% से घटाकर 2.5% कर दिया जाना चाहिए। इसी के साथ जीजेईपीसी ने कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज के नियमों में ढील देने और निर्यातकों की मदद के लिए ब्याज में 5% छूट देने की भी मांग की है। आईबीजेए के डायरेक्टर सौरभ गाडगिल ने उम्मीद जताई कि सीटीटी खत्म होने से डब्बा ट्रेडिंग पर रोक लगेगी।

हेल्थ सेक्टर: आयुष्मान भारत में मध्यम वर्ग भी शामिल हो

हेल्थ सेक्टर इस बात लेकर आशावान है कि सरकार बजट में आयुष्मान योजना के दायरे में मध्यम वर्ग को भी लाएगी। इससे अधिक संख्या में आम लोगों को न सिर्फ सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि मेडिकल इंश्योरेंस की देशभर में पहुंच भी बढ़ेगी। जेपी अस्पताल के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर मनोज लूथरा ने कहा, जबसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके लिए स्वास्थ सुविधाएं मुहैया करवाने का लक्ष्य तय किया है तब से ही हेल्थ सेक्टर में हलचल बढ़ी है। निजी अस्पताल भी इस पहल में योगदान देने के लिए तैयार हैं। इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ाने के लिए डिजिटल और एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाने की जरूरत है।

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