चिटफंड फ्रॉड: घुंकावाली के लोग अधिक आए झांसे में, करीब 60 लाख की ठग्गी

Chit fund fraud sachkahoon

कई राज्यों में फैला रखा था नेटवर्क, रिश्तेदारों को भी नहीं बख्शा

सच कहूँ/राजू, ओढां। चिटफंड कंपनी बनाकर लोगों से मोटी ठग्गी करने मामले में केस दर्ज होने के बाद मामले की न केवल परतें खुलनी शुरू हो गईं है बल्कि लोग अब धीरे-धीरे सामने आ लगे हैं। फिलहाल कंपनी के दोनों डायरेक्टर संगरिया क्षेत्र में स्थित अपने कार्यालय पर ताला लटकाकर व फोन बंद कर भूमिगत हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। उक्त लोगों ने गांव जंडवाला जटान, सालमखेड़ा, श्रीजलालआना, ख्योवाली, आनंदगढ़ व रोहिड़ांवाली सहित अन्य गांवों के सैंकड़ों लोगों को अपने झांसे में लेकर मोटी चपत लगाई है, लेकिन ठग्गी का शिकार होने वाले लोगों में से सबसे ज्यादा लोग गांव घुंकावाली के हैं।

यहां से आरोपियों ने करीब 60 लाख रूपये से अधिक की ठग्गी की है। इस कंपनी के मालिक राजपाल सिंह व सोहन लाल दोनों हैं। दोनों के खिलाफ ओढां पुलिस ने धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में केस दर्ज किया हुआ है। आरोपी राजपाल की गांव घुंकावाली में रिश्तेदारी पड़ती है। जिसके चलते उसने अपने रिश्तेदार को बीच में लेकर यहां से सबसे ज्यादा लोगों का कंपनी में निवेश करवाया। सामने आया है कि राजपाल के रिश्तेदार जगदीप सिंह ने भी उक्त लोगों से करीब 18 लाख रूपये लेने हैं। जगदीप सिंह 2016 मेें अपने रिश्तेदार राजपाल के कहने पर इस कंपनी से जुड़ा था। आरोपियों पर मुकदमा दर्ज होने की खबर प्रकाशित होने के बाद लोग धीरे-धीरे सामने आकर जुबान खोलने लगे हैं।

ब्याज पर पैसा लेकर किया था निवेश

आरोपियों का शिकार हुए युवक सतपाल ने बताया कि वह छोटा-मोटा कार्य कर गुजर-बसर करता है। उसके पास जंडवाला जटान निवासी जरनैल व घुंकावाली निवासी जगदीप दोनों आए थे। उनके कहने पर उसने कंपनी में पैसा लगाया था। सतपाल के मुताबिक उसने करीब साढ़े 5 लाख रूपये की राशि ब्याज पर लेकर अपने परिजनों व जानकारों के नाम से पैसा लगाया था। उसने बताया कि कंपनी के नियमानुसार उसे 25 हजार रूपये की आईडी के पीछे ब्याज समेत 154 दिनों में 32 हजार 700 रूपये मिलने थे। नियमानुसार उसके खाते में हर रोज 250 रूपये की राशि आती थी। ये राशि 90 दिन तक ही उसके खाते मेंं आई। सतपाल की कंपनी में 25 हजार रूपये के हिसाब से 34 आईडी थी। जिसमें उसे 6 लाख 62 हजार 500 रूपये मिलने थे, लेकिन राशि नहीं मिली।

एक-दूसरे पर आरोप लगाकर हो गए भूमिगत

आरोपी हरिपुरा (संगरिया) निवासी राजपाल सिंह व तंदुरांवाली निवासी सोहन लाल कामरा दोनों ने नोबल एग्रो कांंटेक्ट फार्मिंग, किनोको मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड व केएस इंटरप्राइजिज नामक 3 कंपनियां खोली थी। नोबल एग्रो कंपनी में वे लोगों को आरडी व एफडी कर पॉलिसियां देते थे। जिसमें 2 से लेकर 10 साल तक के प्लान का प्रलोभन देते थे। उक्त लोगों ने किनोको कंपनी विगत वर्ष की 13 अक्तूबर को शुरू की थी। इसमें वे 2500 से लेकर 25 हजार तक आईडी लगवाते थे। उक्त लोग पूरी राशि की एक प्रतिशत राशि अपनी कंपनी के एप्प के वॉयलेट में भेजते थे। ये राशि 154 दिन आती थी। तीसरी कंपनी में वे लोगों को किश्तों पर लोन देते थे। सूत्रों के मुताबिक राजपाल ने अपने पार्टनर सोहन लाल कामरा पर पैसे हड़पने का आरोप लगाया। जिसके बाद दोनों आरोपी कार्यालय व अपने फोन बंद कर भूमिगत हो गए।

आरोपियों का था बड़ा नेटवर्क

आरोपियों ने करीब 5 वर्ष से अलग-अलग कंपनियां स्थापित कर अपना नेटवर्क हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में फैला रखा था। आरोपियों ने लोगों से कंपनी में करोड़ों रूपये का निवेश करवा रखा था। सूत्रों के मुताबिक कंपनी के डायरेक्टर राजपाल व सोहन लाल कामरा दोनों के खिलाफ संगरिया में ठग्गी के 3 मुकदमें दर्ज हैं। इसके अलावा रामां मंडी, मानसा व बठिंडा में भी आरोपियों के खिलाफ लोगों ने शिकायतें दर्ज करवाई हैं। फिलहाल दोनों आरोपी फरार चल रहे हैं।

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