स्पष्टता व तालमेल की आवश्यकता

Lockdown

देश में कोरोना की दूसरी लहर बेलगाम हो गई है। रोजाना के नए मामले ढाई लाख के आसपास आ रहे हैं और मृत्यु दर का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। कई राज्यों में वीकेंड लॉकडाउन लग चुका है, तो कहीं लगने की तैयारी है। अर्थव्यवस्था के फिर से लुढ़कने का अंदेशा है। लिहाजा, सभी की यही चिंता है कि बिगड़े हालात कैसे संभाले जाएं? ऐसे में अब आवश्यकता है कि केंद्र व राज्यों सरकारों में तालमेल बनाया जाना चाहिए। कोविड-19 की गंभीरता को देखते हुए अब अदालतों को दखल देना पड़ रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के छह बड़े शहरों में लॉकडाउन लगाने के आदेश दिए हैं, वहीं देश भर में मेडिकल आॅक्सीजन की कमी भी खल रही है। विशेष तौर पर विपक्षी दलों की सरकारों वाले राज्य आॅक्सीन की कमी का ज्यादा राग अलाप रहे हैं। पश्चिम बंगाल, पंजाब और कई अन्य राज्यों में आॅक्सीजन की सप्लाई की मांग की है।

पंजाब ने कुछ दिनों का ही वैक्सीन स्टाक होने की बात की है। उधर केंद्र सरकार ने देश में आॅक्सीजन की कमी होने से इनकार किया है। ऐसी भी चर्चा हो रही है कि आॅक्सीन विदेशों से भी मंगवाई जाएगी। कुछ ऐसी भी मीडिया रिपोर्ट्स आई हैं कि कुछ शहरों में एक मरीज से आॅक्सीजन हटाकर दूसरे मरीज को लगाए जाने से पहले मरीज की मौत हो गई। कई मरीजों को आॅक्सीजन नहीं मिलने की भी चर्चा है। वास्तव में ऐसी स्थिति में सरकार को शंकाओं पर विराम लगाते हुए सब कुछ स्पष्ट करने की आवश्यकता है। इस महामारी के दौर में कोरोना से संक्रमित मरीजों का मामला संवेदनशील है, ऐसे में राजनीतिक नजरिये से काम करना पीड़ित लोगों से खिलवाड़ होगा। दरअसल कोविड-19 ने जिस प्रकार भयानक रूप दिखाया है, उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। मरीजों की गिनती चंद दिनों में ही तीन गुणा तक बढ़ गई।

अब केंद्र व राज्य सरकारों को राजनीतिक पैंतरों नहीं लड़ाने चाहिए और देश व मानवता के हित में काम करने की आवश्यकता है। जहां हालात बेहद नाजुक हैं, वहां सरकार अफवाहों पर विराम लगाकर लोगों को जागरूक करे। यह भी सही निर्णय है कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने भले ही देरी से रैलियां रद्द कर दी हैं, ऐसे में केंद्र में सरकार चला रही भाजपा को भी विचार करने की आवश्यकता है। लोगों का भी कर्तव्य है कि कोविड से निपटने की जिम्मेवारी केवल सरकार पर ही न डालें, खुद भी सावधानियां बरतें। भले ही टीका आ चुका है लेकिन जब तक आबादी के बड़े हिस्से को टीका नहीं लग जाता तब तक असावधान नहीं होना चाहिए। लॉकडाउन का उद्देश्य भीड़ कम करना ही है। लोग घरों से बाहर निकलते वक्त मास्क जरूर पहनें, आवश्यकता अनुसार ही घरों से निकलें।

 

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