सचखंड वासी चंद्रमोहन इन्सां को श्रद्धांजलि अर्पित करने उमड़ा जनसैलाब

  • सचखंड वासी चंद्रमोहन इन्सां के नमित ब्लॉक स्तरीय नामचर्चा का आयोजन
  • गणमान्य लोगों ने सचखंड वासी चंद्रमोहन इंसान के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी –
  • एक जरूरतमंद बच्चे की पढ़ाई का पूरा प्रबंध करेगा चंद्रमोहन इन्सां का परिवार –
  • सतगुरु के हुक्म में रहकर मानवता की सेवा करके गए जो कभी भूलने वाली नहीं – सतपाल इन्सां
  • चंद्रमोहन इन्सां मानवता भलाई के कार्यो के लिए हमेशा तैयार रहते थे- पुरुषोत्तम इन्सां टोहाना

उकलाना सच कहूँ, कुलदीप स्वतंत्र
85 मेंबर कृष्ण इन्सां के सुपुत्र चंद्रमोहन इन्सां का गत 30 मार्च को हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। उनके नमित ब्लॉक स्तरीय नाम चर्चा का आयोजन अग्रवाल सेवा सदन उकलाना में किया गया। नामचर्चा की शुरूआत ब्लॉक प्रेमी सेवक नरेश इन्सां ने धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा पवित्र नारा लगाकर की। कविराजों द्वारा भक्तिमय भजनों से गुरु यश का गुणगान किया। स्क्रीन के माध्यम से पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉर्डिड पवित्र वचन साध-संगत को सुनाई गए। गणमान्य लोगों ने सचखंड वासी चंद्रमोहन इंसान के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। नामचर्चा में भारी तादाद में उकलाना, बरवाला, टोहाना से साध-संगत ने नामचर्चा में पहुंचकर सचखंड वासी चंद्रमोहन इन्सां को श्रद्धांजलि अर्पित की । डेरा सच्चा सौदा से प्रबंध कमेटी के सदस्यों ने भी नाम चर्चा में पहुंचकर स्वर्गीय चंद्रमोहन इन्सां को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

पुरुषोत्तम इन्सां टोहाना ने कहा कि चंद्रमोहन इन्सां मानवता भलाई के कार्यो के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उन्होंने कहा कि पिताजी के वचन भी आए ये जो गया है सिमरन करते-करते मालिक की गोद में गया है ये सचखंड अनामी देश में मालिक की गोद में चला गया है।‌ कोई भी उसकी याद में जितना सिमरन करता है नामचर्चा करता है मालिक के लेखे में लगता है । जो भी सेवा करके जाता है उसकी यहां भी और वहां भी दोनों जहां में जय-जय कार होती है।

छोटी सी उमर में नेक काम करके गए

सतपाल इन्सां टोहाना ने कहा कि छोटी सी उमर में नेक काम करके गए। अपने सतगुरु के हुक्म में रहकर मानवता की सेवा करके गए जो कभी भूलने वाली नहीं। नेक कार्य चंद्र मोहन इंसा‌ की रग-रग में बसे हुए थे। बहुत ही शीतल स्वभाव के ज्यादा नहीं बोलना , काम करके दिखाना यह उनका स्वभाव था।‌ 85 मेंबर राजकुमार इन्सां ने कहा कि यह तो निश्चित है कि इस दुनिया से एक दिन जाना है लेकिन बच्चों के सामने पिता का चले जाना अपने आप में बहुत बड़ा दुखों का पहाड़ है। इसको शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।

जैसे ग्रंथों में दर्ज है कि तिल बढे न राइ घटे जो लिखदी करतार। बहुत से ऐसे कार्य थे जो नहीं हो पाए उससे पहले ही वे इस दुनिया को छोड़ कर चले गए। चंद्रमोहन इन्सां के परिवार की तरफ से घोषणा की गई कि उनका परिवार उनकी याद में एक जरूरतमंद बच्चे की पढ़ाई का पूरा प्रबंध करेगा। डेरा सच्चा सौदा से प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने भी विशेष रूप नामचर्चा में पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। अवसर पर पवन खां, पुरुषोत्तम लाल इन्सां टोहाना, 85 मेंबर सतपाल इन्सां, 85 मेंबर रामपाल इंसा, ब्लॉक प्रेमी सेवक मास्टर ईश्वर इंसा, 85 मेंबर कृष्ण इन्सां, विनोद इन्सां, बजरंग सोनी इन्सां, संजय इन्सां, सिमर इन्सां, डॉ दलीप इन्सां, डॉ राणा इन्सां, ब्लॉक प्रेमी सेवक नरेश इन्सां, सुरेश इन्सां, समस्त राज्यों के 85 मेंबर भाई व बहनें, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के जिम्मेदार भाई व बहनें, ब्लॉकों के 15 मेंबर भाई व बहनें, समस्त सुजान बहने,आईटी विंग के सेवादार व हजारों की संख्या में साध-संगत मौजूद रही।

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