चोपटा क्षेत्र में वर्षों से डिग्री कॉलेज की मांग

  • शिक्षाविद बोले: अच्छी गुणवत्तापरक व उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज होना जरूरी
  • क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने के कारण युवक-युवतियों को करना पड़ रहा भारी परेशानी का सामना
  • कॉलेज जाने के लिए करना पड़ता है घंटों का सफर
    सच कहूँ/भगत सिंह
    चोपटा। राजस्थान की सीमा से सटे चोपटा क्षेत्र में वर्षों से ही डिग्री कॉलेज की मांग है। क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने के कारण युवाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के अंतिम छोर पर पड़ने वाले गांवों से डिग्री कॉलेज करीब 40 किलोमीटर दूर सिरसा में है और घंटों सफर करके कॉलेज में जाना पड़ता है। कुछ गांव में तो बस सेवाओं की भी कमी है, जिससे युवाओं की परेशानी और भी बढ़ जाती है। ऐसे में क्षेत्र में पिछले काफी वर्षों से डिग्री कॉलेज खोलने की मांग है, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है। इसे लेकर जब हमने क्षेत्र के शिक्षाविदों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्तापरक तथा उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज होना बहुत जरूरी है। चौपटा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने से युवक-युवतियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर लड़कियां को यातायात सेवाएं न होने के कारण बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे आधी लड़कियां तो अपनी पढ़ाई चाहते हुए भी पूरी नहीं कर पाती है। लड़कियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए रोजना 25 से 30 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है।
    शिक्षा मानव का आभूषण है। शिक्षा से युवा सभ्य नागरिक बनेंगे। रोजगार प्राप्त होगा व राष्ट्र का विकास होगा। अच्छी गुणवत्तापरक तथा उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज होना बहुत जरूरी है। चौपटा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने से युवक-युवतियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को इस मांग पर गौर करते हुए क्षेत्र में डिग्री कॉलेज का निर्माण करना चाहिए ताकि क्षेत्र के युवक-युवतियां उच्च शिक्षा ग्रहण करके राष्ट्र सेवा में योगदान कर सकें।
    – अमर सिंह बैनीवाल, रिटायर्ड हेड मास्टर, नाथूसरी कलां।

चौपटा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज न होने की वजह से भावी पीढ़ी को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। खासकर बेटियों को यातायात सेवाएं न होने के कारण बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे आधी बेटियाँ तो अपनी पढ़ाई चाहते हुए भी पूरी नहीं कर पाती है। मजबूरन वें पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है। सरकार से गुजारिश है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे से बेटियां आगे नहीं बढ़ सकती। धरातल पर सर्वे हो और चौपटा क्षेत्र की बेटियों के लिए एक कॉलेज खोला जाए। जो कि बेटियों के जीवन के विकास में एक सपनों को साकार करने में सकारात्मक कदम होगा।

 मोहिंदर पाल सिंवर, विज्ञान अध्यापक, शाहपुरिया।

राजस्थान की सीमा से सटे नाथूसरी चौपटा क्षेत्र में वर्तमान में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं हैं। जिस कारण इस क्षेत्र में विशेषकर लड़कियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए रोजना 25 से 30 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है। डिग्री कॉलेज न होने के कारण यहाँ की महिला साक्षरता दर का प्रतिशत भी काफी कम है, जोकि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की गाल पर तमाचा है। अत: हरियाणा सरकार से प्रार्थना है कि नाथूसरी चौपटा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज खोलकर इस क्षेत्र के शिक्षा के सूखे को दूर किया जाए।

भीम सिंह, मौलिक मुख्याध्यापक, नाथूसरी कलां।

भीम सिंह, मौलिक मुख्याध्यापक, नाथूसरी कलां। चौपटा क्षेत्र में वर्तमान में डिग्री कॉलेज होना बहुत जरूरी है। चौपटा क्षेत्र काफी हद तक राजस्थान की सीमा से जुड़ा हुआ है। क्षेत्र में विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में क्षेत्र में डिग्री कॉलेज ना होने के कारण युवक-युवतियों को रोजाना 30 से 40 किलोमीटर सफर करके सिरसा जाना पड़ता है। कई गांवों में परिवहन सेवाएं भी दुरुस्त नहीं है। ऐसे में युवाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को जल्द ही इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए और क्षेत्र में डिग्री कॉलेज की स्थापना करनी चाहिए ताकि क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाई जा सके।-

बंसीलाल कासनियां, अध्यापक, माखोसरानी।

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