छत्तीसगढ़ के डेरा श्रद्धालु ने 6 महीने की बच्ची की जान बचाई

Blood Donation

बैकुंठपुर (छत्तीसगढ़)। रक्तदान (Blood Donation) की श्रेणी में कईं इतिहास रच चुके डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मानवता भलाई की इस सेवा को निभाने में कोई मौका नहीं छोड़ते। इसी प्रकरण में अपनी आहुति डालते हुए छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर में रहने वाले कमलेश इन्सां ने जिला अस्पताल में भर्ती 6 महीने की एक बच्ची को मौके पर रक्तदान कर इंसानियत निभाई। बता दें कि पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं के फलस्वरूप रक्तदान के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा के नाम तीन विश्व रिकॉर्ड कीर्तिमान के रूप में स्थापित हैं।

गौरतलब है कि पूज्य गुरु जी के पावन दिशा-निर्देशन में डेरा सच्चा सौदा की करोड़ों साध-संगत जरूरतमंदों को राशन, गरीब मरीजों का उपचार करवाना, जरूरतमंद निराश्रयों के मकान बनाकर देना, गरीब परिवारों की बेटियों की शादियों में आर्थिक सहयोग देना, छत्तों और अपने आसपास पक्षियों के लिए दाना-पानी के सकोरे रखना, जरूरतमंद मरीजों की मदद के लिए रक्तदान करना सहित 142 मानवता भलाई के कार्य निरंतर कर रही है।

क्यों करें रक्तदान | Blood Donation

हम रक्तदान करके किसी जरूरतमंद को जीवन दान दे सकते हैं। एक यूनिट रक्त दान कर चार जिंदगियां बचा सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार रक्तदान के बहुत फायदे हैं। रक्तदान करने से शरीर में नया रक्त बनता है तथा खून का संचार भी तेज होता है। जिससे हृदय स्वस्थ रहता है। रक्तदान रूपी महादान का मौका आप सभी के पास है।

आइयें, जानते हैं रक्तदान के फायदे | Blood Donation

  • रक्तदान (Blood Donation) से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है। क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता, इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा टल जाता है।
  • डेढ़ पाव रक्तदान करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज कम होती है।
  • आयरन की मात्रा को बैलेंस करने से लिवर हैल्थी बनता है और कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
  • रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है। क्योंकि रक्तदान के बाद नया ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में तंदरूस्ती आती है।
  • रक्तदान करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसलिए हर साल कम से कम 2 बार रक्तदान करना चाहिए।

रक्त कौन दे सकता है?

ऐसा प्रत्येक पुरूष अथवा महिला:-

  • जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो।
  • जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो।
  • जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेंह, एड्स आदि बीमारियों से पीड़ित नहीं हो।
  • जिसने पिछले तीन माह से रक्तदान नहीं किया हो।

कितना रक्त लिया जाता है?

  • प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है ओर प्रतिदिन नया रक्त बनता रहता है।
  • एकबार में 350 मिलीलीटर यानि डेढ़ पाव रक्त ही लिया जाता है (कुल रक्त का 20वां भाग)
  • शरीर 24 घंटों में दिए गए रक्त के तरल भाग की पूर्ति कर लेता है।
  • ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर में रक्त 4-5 सप्ताह तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

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