टीन की छत के नीचे दिन काट रही विधवा महिला के लिए फरिश्ता बने डेरा श्रद्धालु

Welfare Work Sachkahoon

साध-संगत का सेवा करने का जज्बा था काबिले-तारीफ, हर कोई एक दूसरे से आगे बढ़कर कर रहा था सेवा

सच कहूँ/नरेन्द्र सिंह बठोई, पटियाला। पिछले कई सालों से टीन(चादर) की छत नीचे दिन काट रही विधवा महिला के लिए डेरा श्रद्धालु फरिश्ता बन कर आए। कितनी ही गर्मियां-सर्दियां और बारिश के मौसम इस महिला ने इस छत के नीचे गुजारे और जिससे उसे हर समय अपने छोटे -छोटे बच्चों की चिंता सताती रहती थी, कहीं कोई असुखद घटना न घट जाये और पक्का मकान न होने की चिंता उसे हर समय सताती रहती। इस संबंधी जब ब्लॉक बठोई-डकाला की साध-संगत को पता चला तो साध-संगत ने उक्त परिवार को पक्का मकान बनाकर देने का बीड़ा उठाया और पक्का मकान बना कर गांव लंगड़ोयी की महिला को कच्चे मकान से छुटकारा दिला दिया।

इस संबंधी जानकारी देते ब्लॉक जिम्मेदार 15 हरजिन्दर इन्सां, राम कुमार इन्सां ने बताया कि ब्लॉक बठोई-डकाला की साध-संगत ने डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों में से एक कार्य ‘आशियाना मुहिम’ के अंतर्गत गांव लंगड़ोयी की विधवा महिला काकी का मकान बनाकर दिया है। उन्होंने बताया कि गांव लंगड़ोयी के साध-संगत ने ब्लॉक के जिम्मेवारों को बताया कि उनके गाँव की एक विधवा महिला है जो कि टीन की छत के नीचे दिन काट रही है और घर में कमाने वाला कोई नहीं है और इसके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। उन्होंने बताया कि उक्त विधवा महिला की तरफ से पक्का मकान बनाने के लिए प्रशासन के पास भी अपील की गई, परन्तु किसी ने भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद उक्त महिला ने साध-संगत से मकान बनाकर देने की अपील की।

इसके बाद गांव लंगड़ोयी की साध-संगत ने ब्लॉक के जिम्मेवारों से बात की और ब्लॉक बठोई -डकाला की साध-संगत ने उक्त महिला का पक्का मकान बनाने का बीड़ा उठाया। साध संगत ने केवल तीन दिनों में उक्त महिला को पक्का मकान बनाकर सौंप दिया। इस मौके साध-संगत के सेवा करने का जज्बा काबिले-तारीफ था और हर कोई एक दूसरे से आगे बढ़कर सेवा कर रहा था। इस मौके ग्रामीणों ने साध-संगत द्वारा आज के युग में किये जा रहे सेवा कार्यों की भरपूर प्रशंसा की और हर कोई कह रहा था कि आज के जमाने में किसी के पास अपने स्वार्थ के बिना किसी के बारे में सोचने का समय नहीं है और यह डेरा श्रद्धालु बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सेवा करने का जज्बा रखते हैं। इस मौके 15 मैैैंबर इंसर इन्सां, नक्षत्र इन्सां, प्यारा सिंह, करमजीत, विजय इन्सां, बलबीर, संता सिंह, जगरूप सिंह, भंगीदास राजू इन्सां, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार, अलग-अलग समितियों के सेवादार, सुजान बहनें, गांवों के भंगीदास और बड़ी संख्या में साध-संगत मौजूद थी।

टीन की छत से साध-संगत ने दिलाया छुटकारा : काकी

विधवा महिला काकी ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का धन्यवाद करते कहा कि साध-संगत के सहयोग से ही उसे पक्का मकान नसीब हुआ है। उन्होंने कहा कि उसे हर समय चादर की छत नीचे जीवन गुजारते डर सताता रहता था कि कहीं कोई घटना न घट जाये, परन्तु साध-संगत ने केवल कुछ दिनों में ही उसका चिंता सदा के लिए ही खत्म कर दी है।

साध-संगत बन रही है जरूरतमन्द व्यक्तियों का सहारा: ग्रामीण

ग्रामीणों ने साध-संगत की तरफ से किये गए कार्यों की भरपूर प्रशंसा की। ग्रामीणों का कहना था कि जो कार्य साध-संगत द्वारा किया गया है यह बहुत ही काबिले-तारीफ है। आज के स्वार्थी युग में जब सबको अपनी-अपनी पड़ी है। उस समय में साध-संगत गरीब जरूरतमन्द व्यक्तियों का सहारा बन रही है।

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