सभी धर्मों का सत्कार करता है डेरा सच्चा सौदा : डेरा प्रबंध समिति

Dera Sacha Sauda respects all religions: Dera Management Committee

 वीरपाल कौर की झूठी और गलत बयानबाजी से डेरा सच्चा सौदा का कोई संबंध नहीं

  •  तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करने वालों पर की जाएगी कानूनी कार्रवाई

चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंध समिति ने डेरे के नाम पर गलत ब्यानबाजी करके डेरे को बदनाम करने की कोशिशें करने वालों के प्रति आम लोगों तथा मीडिया संस्थानों को सचेत रहने की अपील की है। प्रबंध समिति ने बुधवार को प्रैस को जारी विज्ञप्ति में कहा कि डेरा सच्चा सौदा एक अध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्था है और एक तय नियमों एवं मर्यादा के तहत ही यह संस्था चलती है। विज्ञप्ति में कहा कि डेरा सच्चा सौदा द्वारा हमेशा ही सभी धर्मों का आदर सत्कार करना ही सिखाया जाता है। किसी भी धर्म का अनादर करना तो दूर ऐसा सोचना भी पाप माना जाता है, इसके साथ ही लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया का भी हमेशा सत्कार किया जाता है।  डेरा प्रबंध समिति ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा की तरफ से किसी भी व्यक्ति विशेष को अपना प्रवक्ता या किसी भी व्यक्ति को ये अधिकार नहीं दिया गया है कि वह डेरा सच्चा सौदा की तरफ से कोई भी बयान जारी करे और इस समय कोई भी व्यक्ति प्रवक्ता नहीं है। कुछ समाचार चैनलों पर वीरपाल कौर नामक महिला (social media page Faith versus verdict वाले ) अपने आप को डेरा सच्चा सौदा की श्रद्धालु बताते हुए गलत प्रचार एवं तथ्यों को तोड़ मरोड़ के पेश कर रही है। उक्त वीरपाल कौर एवं उनकी Faith versus verdict की पूरी टीम की तरफ से कहे जाने वाले एक भी शब्द की जिम्मेदारी डेरा सच्चा सौदा की नहीं है। डेरा प्रबंध समिति ने आगे कहा कि वीरपाल कौर एवं Faith versus verdict की पूरी टीम के सदस्य एक तय मकसद के तहत अफवाहें फैलाने के साथ झूठी बयानबाजी कर रही है। डेरा प्रबंध समिति ने मीडिया से अपील करते हुए कहा कि वीरपाल कौर और इनकी पूरी टीम को डेरा श्रद्धालु या फिर डेरा की तरफ से पेश न किया जाए। प्रबंध समिति ने स्पष्ट किया कि वीरपाल जैसे लोगों की बातों को डेरे से जोड़कर नहीं देखा जाए। वीरपाल कौर और social media page Faith versus verdict की टीम के खिलाफ डेरा सच्चा सौदा कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है, क्योंकि वह झूठी व गलत बयानबाजी करते हुए डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करने व अदालतों में लंबित केसों के तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर आमजन एवं मीडिया तथा न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित व बाधित करने की कोशिश कर रही है।

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