अस्पताल में प्रबंध न होने से दिव्यांग परेशान

Disabled upset sachkahoon

सरकारी अस्पताल में न बैठने का प्रबंध, न पीने का पानी और धूप में भटकते दिखे दिव्यांग

सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा, अबोहर। सरकारी अस्पताल में प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे दिव्यांगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां तक की दिव्यांगों को गर्मी व बाहर धूप में ही घंटों तक इंजार करना पड़ा। दिव्यांगों (Disabled Upset) ने रोष जताते हुए कहा कि सरकार को अस्पतालों में पुख्ता प्रबंध करने चाहिए। दिव्यांगों ने सरकार से यह भी गुहार लगाई कि उनके सभी तरह के प्रमाण पत्र यहां पर ही बनाए जाए जबकि अब उन्हें फाजिल्का व फरीदकोट चक्कर काटने पड़ते हैं।

सरकारी अस्पताल में पहुंचे दिव्यांगों ने बताया कि वैसे तो प्रत्येक शुक्रवार को प्रमाण पत्र बनाने का कैंप लगाया जाता है लेकिन यहां आकर उन्हें कोई सुविधा नहीं मिलती यहां तक कि उन्हें कई तरह की परेशानियों का ही सामना करना पड़ता है। समाजसेवी विपन शर्मा ने बताया कि आज करीब 100 से अधिक दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने लिए पहुंचे है लेकिन यहां उनके बैठने का कोई प्रबंध नहीं है यहां तक कि पीने के लिए पानी का प्रबंध भी नहीं है।

जिस कारण गांवों से बड़ी मुश्किल से पहुंचे दिव्यांग (Disabled Upset) अब बाहर बैठे गर्मी व धूप में ही इंताजर कर रहे हैं। विपन शर्मा ने बताया कि अधरंग से पीड़ित दिव्यांगों का प्रमाण पत्र यहां बनाने की बजाय ऐसे लोगों को पहले फाजिल्का व उसके बाद फरीदकोट भेजा जाता है जिस कारण उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। विपन ने बताया कि इस कारण कई दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने वहां पहुंच नहीं पाते व प्रमाण पत्र बनाने से वंचित रह जाते हैं।

इतना ही नहीं बोलने व सुनने में असमर्थ दिव्यांगों के प्रमाण पत्र भी यहां नहीं बनते व उन्हें भी फरीदकोट जाना पड़ता है जबकि वहां जाने पर सैंकड़ों रुपए का खर्च आता है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सभी तरह के प्रमाण पत्र कम से कम तहसील स्तर पर ही बनए जाएं ताकि दिव्यांगों (Disabled Upset) को होने वाले परेशानियों से निजात मिल सके। उन्होंने बताया कि अब जहां प्रमाण पत्र ऑनलाइन अप्लाई करना होता है वहां तीन चार सीढ़ियों चढ़कर जाना पड़ता है जिस कारण अनेक लोगों को वहां पहुंचने में भी परेशानी होती है।

सर्टिफिकेट बनवाने आए थे दिव्यांग

दिव्यांग (Disabled Upset) भागसर के राजिंदर ने बताया कि वह गांव के सरकारी स्कूल से ट्राईसाइकिल लेकर यहां पहुंचा है व उसे उसका भाई काम से छुट्टी लेकर यहां लेकर पहुंचा है लेकिन यहां आकर भीड़ ज्यादा होने के कारण इंतजार कर रहा है। बकैनवाला के बलविंदर सिंह ने कहा कि उसने प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अप्लाई किया था लेकिन यहां उन्हें एक सप्ताह बाद आने का कह दिया गया है उन्होंने अकर यही मैसेज या कोई हेल्पलाइन नंबर से पता चल जाता तो उनकी परेशानी बच जाती।

इसी तरह कंधवाला रोड से पहुंचे दिव्यांग अमर सिंह ने कहा कि वह गर्मी व धूप में मुश्किल से अपने परिवार के साथ यहां पहुंचा है लेकिन यहां आकर उन्हें धक्के खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि इंचार्ज मैडम ने कहा कि अगर उन्हें लेबर रुम में खाली पडे दो कमरे इस कार्य के लिए अलाट कर दिए जाएं तो उन्हें काफी सुविधा मिल सकती है।

एसएमओ-सिविल सर्जन ने बेहतर सुविधाएं देने का दिया आश्वासन एसएमओ डॉ. सुखविंदर पाल सिंह ने कहा कि आगे से दिव्यांगों को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी व इसके लिए सभी तरह के पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए विभाग को लिखा जाएगा।

सिविल सर्जन तेजवंत सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि इस बाबत एसएमओ को निर्देश जारी किए जाएंगे कि सभी तरह के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशानी न हो व अबोहर में ही बनाने का प्रबंध हो वह इस बाबत पत्र लिखेंगे।

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