सृष्टि को बचाने के लिए हर एक दे सहयोग: पूज्य गुरु जी

सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि आज तो आप भई ब्रश करते हैं नल खुला छोड़कर और लगातार करते रहते हैं, झाग निकालते रहते हैं और पानी बेवजह बर्बाद होता रहता है। आपसे कहा था कि एक गिलास रख लिया करो, पानी का पहले भरकर रख लो और ब्रश करते रहो, नल खुला छोड़नी जरूरी है क्या? तो इस तरह से छोटी-छोटी चीजें अपनाकर हम अपने उस परमपिता परमात्मा की दी हुई दातों को संभाल भी सकते हैं, उन दातों से फायदा ले सकते हैं और सृष्टि को बचाया जा सकता है। पर यह संभव तभी है जब अगर हर एक आदमी पहल करे। कहते हैं बूंद-बूंद से सागर भर जाता है।

एक शुरूआत करेगा, धीरे-धीरे सारे शुरूआत कर रहे हैं और इस तरह पानी से हम महरूम नहीं होंगे, जो कम होता जा रहा है, जो समाप्त होता जा रहा है, इसको बचा पाएंगे। आने वाले समय में आप यकीन मानो जैसे पहले हमने बातें कही थी कि बेटियां मार रहे हो, एक समय ऐसा आ जाएगा आपके लड़के यूं ही घूमते फिरेंगे, शादियां नहीं हुआ करेंगी तो गुंडागर्दी बढ़ जाएगी। वो हुआ कि नहीं हुआ? वो टाइम आया ना जी। तो फिर लोगों ने मानना शुरू कर दिया, तो वो टाइम फिर वापिस होता जा रहा है, शायद फिर से बराबर की संख्या में हो गया तो सारा कुछ ठीक हो जाना है।

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