फर्जी महिला डॉक्टर एक हजार रुपये में बेच रही थी गर्भपात की दवा

Fazilka News
सांकेतिक फोटो

मानेसर के गांव नाहरपुर से महिला को गिरफ्तार किया

  • मात्र 12वीं तक पढ़ी है फर्जी महिला डॉक्टर शालिनी सिंह यादव

गुरुग्राम। (सच कहूँ न्यूज) विकासशील जिला गुरुग्राम (Gurugram Crime News) में ना जाने किस-किस तरह के और किस-किस स्तर पर अवैध रूप से लोग धंधे कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों में मेडिकल क्षेत्र में कई बड़े खुलासे हुए हैं। पहले दिन फर्जी अस्पताल, दूसरे दिन कैंसर की नकली दवाइयां बेचने के खुलासे के बाद अब तीसरे दिन एक फर्जी महिला डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। वह गर्भपात की दवाइयां बेच रही थी।

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शिकायत मिली थी कि एक मानेसर के नाहरपुर गांव में फर्जी डॉक्टर बनकर एक महिला गर्भपात की दवाई बेचती है। इस शिकायत के बाद सीएमओ डा. विरेंद्र यादव ने चिकित्सा अधिकारी डा. हरीश कुमार और डा. आशीष चौहान के नेतृत्व में टीम गठित की। इस टीम ने एक गर्भवती महिला के माध्यम से आरोपी फर्जी महिला डॉक्टर को पकडऩे के लिए जाल बिछाया। गर्भवती महिला की सहमति से उसे नाहरपुर में महिला डॉक्टर के पास गर्भपात की दवा लेने के लिए उनके गोगाजी क्लीनिक पर भेजा गया। महिला को नंबर नोट करके 500-500 रुपये के दो नोट दिए गए।

जब गर्भवती महिला क्लीनिक पर पहुंची तो फर्जी महिला डॉक्टर वहां मरीजों की जांच कर रही थी। ग्राहक बनाकर भेजी गई गर्भवती महिला ने उससे कहा कि वह तीन महीने से गर्भवती है। उसके पहले से दो बच्चे हैं। वह और बच्चे नहीं चाहती। इसलिए अपने पेट में पल रहे बच्चे का गर्भपात कराना चाहती है। फर्जी महिला डॉक्टर ने गर्भवती महिला से कई सवाल-जवाब किए, ताकि यह तय हो सके कि वह सही में गर्भपात कराने की इच्छुक है। इसके बाद फर्जी महिला डॉक्टर ने उसे एक हजार रुपये में गर्भपात करने की दवा देने की बात कही। महिला ने उसे 500-500 रुपये के दो नोट दे दिए और फर्जी महिला डॉक्टर ने उसे कुछ दवाइयां दे दी। साथ ही उन्हें लेने के बारे में जानकारी दी।

एक पर्ची पर भी कुछ बातें लिखकर दी। (Gurugram Crime News) गर्भपात कराने का नाटक कर रही महिला के इशारे पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग की टीम क्लीनिक पर पहुंची और महिला को मौके पर पकड़ लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि महिला 12वीं तक पढ़ी है। उसका नाम डा. शालिनी सिंह यादव है। शालिनी सिंह यादव से पूछताछ में यह भी पता चला कि उन्होंने महिला को मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल की गोलियां दी हैं। टीम ने गोलियों को सील कर दिया। टीम के सदस्यों ने बताया कि क्लीनिक से कोई डिग्री आदि नहीं मिली, जिससे यह कहा जा सके कि वह महिला असली डॉक्टर है। वह फर्जीवाड़े से क्लीनिक चलाकर महिलाओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही थी।

सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव ने कहा कि जिला में अवैध रूप से गर्भपात कराने वालों की खैर नहीं है। विभाग की टीमें ऐसे लोगों पर लगातार नजर रख रही है।

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