किसानों ने एफसीआई गोदामों का किया घेराव

Farmers surround FCI godowns

मांगों का सौंपा ज्ञापन, किसान रैस्ट हाऊस पर भी पहुचें किसान

नरवाना (सच कहूँ/बिन्टू सिंह)। कृषि कानूनों के विरोध में बदोवाल टोल प्लाजा पर धरनारत किसानों ने सोमवार को एफसीआई गोदामों का घेराव किया। किसानों ने एफसीआई की कमजोर स्थिति और खरीद प्रणाली को मजबूत करने के लिए एफसीआई अधिकारी को मांग पत्र भी सौपा।जानकारी के अनुसार रोजाना की तरह सोमवार को भी बदोवाल टोल पर सैकड़ों किसान पहुंचे और धरना शुरू किया। दोपहर बाद लगभग दो बजे किसानों ने बदोवाल टोल से एफसीआई गोदामों की ओर कूच किया।

इस दौरान किसानों ने मेला मंडी स्थित किसान रैस्ट हाऊॅस पर भी दस्तक दी और अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसान रैस्ट हाऊस किसानों के लिए है, लेकिन किसानों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिलती। बता दें कि किसान रैस्ट हाऊस में मार्किट कमेटी के अधिकारियों ने अपना कार्यालय बना रखा है। जिसके कारण किसानों का गुस्सा फूट गया। किसानों ने कहा कि किसान रैस्ट हाऊस किसानों के लिए है और अधिकारी अपना कार्यालय अपने दफ्तरों में बनाए। इसके बाद किसानों ने ढाणी स्थित एफसीआई गोदाम का घेराव किया।

किसानों ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी के लिए गारंटी कानून की मांग को लेकर कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों के मूल्य को लेकर चिंतित है और एफसीआई सहित प्रमुख खरीद एजेंसियां खरीद से दूर भाग रही है। किसानों न घेराबंदी करते हुए अपनी मांगों का पत्र भी सौपा। किसान नेता बलवीर सिंह, सुनील बदोवाल, होशियार सिंह ने ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी कि गेहूं की खरीद के लिए जमाबंदी जमा करने के फैसले को वापिस लेना चाहिए और फसल का भुगतान काश्तकार को किया जाना चाहिए। सीधे बैंक खाते में भुगतान की व्यवस्था वर्तमान समय में वापिस की जानी चाहिए।

इसे जल्दबाजी में लागू करने से कई जटिल समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो किसानों को फसल की कीमत चुकाने में बाधा उत्पन्न करेगी। उन्होंने कहा कि निर्धारित एमएसपी पर या उससे ऊपर के मूल्य पर खरीद की जानी चाहिए और उस कीमत से नीचे के खरीददारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। भारत सरकार लगातार एफसीआई का बजट कम कर रही है और एफसीआई के खरीद केन्द्रों को कम किया जा रहा है। हम मांग करते हैं कि एफसीआई के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध हो और उसका पूरा उपयोग कराया जाए। एफसीआई के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए और रिक्त पदों को भरा जाए।

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