जुलाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात

Flood Like situation sachkahoon

भारी परेशानी के दौर से गुजर रहे किसान

  • बरसाती पानी की निकासी की लगा रहे गुहार

  • बुढ़ा खेड़ा गांव में बने 1995 जैसे हालात, प्रशासन की बेरूखी किसानों पर पड़ रही भारी

  • बड़ी परात की बनाई किश्ती, जुगाड़ बनाकर निकाल रहे बाजरे की फसल

सच कहूँ/कर्मवीर, जुलाना। जीन्द जिले के जुलाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें 50 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से ठेके पर जमीन ली थी, लेकिन बरसात ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। क्योंकि एक ओर तो उनकी पकी पकाई फसल खराब हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर आने वाली गेहूं की फसल पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। बुढ़ा खेड़ा गांव में हालात ज्यादा गंभीर बने हुए हैं। पानी सड़क को पार करके दूसरे खेतों में जा रहा है, जहां से निकासी का कोई समाधान नहीं है।

किसानों ने कहा कि उन्हें आर्थिक संकट से होकर गुजरना पड़ रहा है। गांव में लगभग 1000 एकड़ फसल में पानी भरा हुआ है। वहीं साथ लगते गांव अकालगढ़ में तो फसल में खराबा न होने का हवाला देकर गिरदावरी भी नहीं करवाई गई है, जिससे कि किसानों में रोष बना हुआ है। बुढ़ा खेड़ा गांव में किसान 5 एकड़ तक पानी में परात की किश्ती बनाकर बाजरे की फसल को निकालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि उन्हें जान जोखिम में डालकर काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है।

गांव में घरों में पानी घुस रहा है, लेकिन अब तक किसी प्रशासनिक अधिकारी ने गांव में आकर हालात तक नहीं देखे हैं। एक दूसरे के खेतों में पानी जाने से किसानों में आपसी टकराव भी हो रहे हैं। अकालगढ़ गांव के रोहतास, हुक्मचंद रामकुमार आदि किसानों ने बताया कि उन्हें काफी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ रहा है, क्योंकि 15 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन ने अभी तक कोई भी सुध नहीं ली है।

मौके पर जाकर पानी का मुआयना किया गया है। जल्द ही पंप सैट लगाकर पानी निकासी का प्रबंध किया जाएगा।

अनिल कादयान, एसडीओ सिंचाई विभाग जुलाना।

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