गहलोत ने वाणिज्य कर विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को दी मंजूरी

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

कर अपवंचन रोकने के लिए एन्फोर्समेंट विंग को किया जा रहा है मजबूत 

जयपुर (सच कहूँ न्यूज)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने के बाद बदले हुए परिदृश्य तथा राज्य में इसके बेहतर एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वाणिज्यिक कर विभाग के पुनर्गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इसके तहत बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था के लिए जोन, नियमित सर्किल एवं वार्डों की संख्या बढ़ाई जा रही है। साथ ही, करदाताओं की सुविधा के लिए अपीलीय प्राधिकारी कार्यालय भी स्वीकृत किए गए हैं। कर अपवंचन रोकने के लिए एन्फोर्समेंट विंग को मजबूत किया जा रहा है। गहलोत ने राजस्थान वाणिज्यिक कर सेवा और राजस्थान वाणिज्यिक कर (अधीनस्थ) सेवा के 15 अतिरिक्त पद सृजित करने की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से विभाग के कैडर की संख्या बढ़कर 1833 हो जाएगी।

नियमित सर्किल की संख्या डेढ़ गुना तक बढ़ाकर 82 से 135 की जाएगी

राज्य में जीएसटी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भिवाड़ी में नया जोन बनाया जाएगा। इससे प्रशासनिक जोन की संख्या 16 हो जाएगी। जोन जयपुर-4 और जोधपुर-2 को कार्यात्मक बनाया जाएगा। नियमित सर्किल की संख्या डेढ़ गुना तक बढ़ाकर 82 से 135 की जाएगी। नियमित वार्डों की संख्या भी 296 से 320 की जाएगी। इससे डीलर्स की शिकायतों के पंजीकरण एवं मूल्यांकन के साथ ही राजस्व संग्रहण से जुड़े कार्यों में भी सुगमता आएगी। जीएसटी की शुरूआत के बाद विशेष सर्किल, वर्क्स कॉन्टे्रक्टस एवं लीजिंग टैक्स की प्रासंगिकता नहीं रही है, इसलिए उन्हें समाप्त किया जा रहा है।

करदाताओं की सुविधा के लिए कोटा जोन में अपीलीय प्राधिकारी का कार्यालय स्वीकृत किया गया है। इससे करदाताओं को कर मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा पारित आदेशों के विरूद्ध स्थानीय स्तर पर ही अपील करने की सुविधा मिल सकेगी। आॅडिट एवं एंटी इवेजन कार्य के सुदृढ़ीकरण के लिए बिजनेस इंटेलीजेंस यूनिट का गठन किया जा रहा है। तकनीक रूप से सक्षम इस यूनिट में विभागीय अधिकारी भी शामिल होंगे और यह यूनिट जीएसटीएन डेटाबेस एवं ई-वे बिल पोर्टल के डेटा का प्रभावी विश्लेषण करेगी।

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