Guru Purnima : अद्भुत पथ चलाया गुरूवर, मेरो कोटि-कोटि वंदन स्वीकार करो

गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु,
गुरु देवो महेश्वरा
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम्:

त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या च द्रविणम त्वमेव, त्वमेव सर्वमम देव देव:।।

वेद पुराण उपनिषद, गीता व रूहानी संतों की वाणी में गुरू को ही सबसे बड़ा बताया गया है। गुरू हमारा सदैव सच्चा मार्गदर्शक व हितैषी होता है। वह सदा अपने शिष्यों के कल्याण की कामना करते हुए उन्हें सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। गुरू मनुष्य में व्याप्त समस्त अवगुणों को समाप्त कर एक अच्छा व सच्चा इन्सान बनाता है। गुरू अपने मंतव्य को पूरा करने के लिए कई रोचक खेल भी रचता है, जिन्हें समझ पाना शिष्य के बस में नहीं होता, उसे तो बस अपने गुरू के वचनों को अक्षरश: मानना होता है। गुरू वचनों में ऐसी शक्ति होती है, जो शिष्य की सब प्रकार की बुराईयों से रक्षा करती है। ऐसे ही सौभाग्यशाली हैं डेरा सच्चा सौदा से जुड़े करोड़ों लोग, जिन्हें पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का पावन सानिध्य प्राप्त है। सानिध्य भी ऐसा कि पूज्य गुरू जी हर शिष्य की पग-पग पर संभाल करते हैं और पथ प्रदर्शक बन उनका मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। यही कारण है कि भौतिकता में उलझे संसार के बावजूद पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए करोड़ों लोग मानवता की सेवा को ही सर्वोपरि रखते हुए कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।

पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पथ प्रदर्शक बनकर स्वार्थी युग में फंसे भौतिकतावादी समाज को सतयुग की और मोड़ने को प्रयासरत हैं। पूज्य गुरू जी के पावन सानिध्य का ही कमाल है कि किसी वक्त वेश्यावृत्ति की दलदल में फंसी युवतियां आज सम्मानजनक जीवन जीने के साथ ही परिवारों की खुशियों का आधार बन गई हैं। सुखदुआ समाज के लोग भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। वीरान हो रही धरती को पौधारोपण की सौगात भी पूज्य गुरू जी ने ही दी है। कभी नशों की दलदल में फंसकर बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर परिवार आज न केवल खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं बल्कि समाज के मौजिज प्रतिनिधि बनकर काम कर रहे हैं।

देहदान, रक्तदान, नेत्रदान, रिश्वत न देने व न लेने का प्रण, समलैंगिकता त्यागने, जरूतमंदों के लिए मकान बनाकर देने, दवा उपलब्ध करवाने व रोजी-रोटी का प्रबंध करना आज डेरा अनुयायियों की पहचान बन चुका है। सफाई महाभियान तो पूज्य गुरू जी के नाम की विशेष पहचान बन गए हैं। बेटी बचाओ व महिला उत्थान के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए गए कार्यों का कोई सानी नहीं है। और ये सब हुआ है पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पथ प्रदर्शक बनने से।

जन आंदोलन बने पूज्य गुरू जी के चलाए 140 मानवता भलाई के कार्य

डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से चलाए जा रहे 140 मानवता भलाई के कार्य जनआंदोलन का रूप लेते जा रहे हैं। कभी बेटियों को अभिशाप कहने वाला समाज, रक्त की मांग पर कोसों दूर चले जाने वाले परिजन, नेत्रदान व देहदान को लेकर पनपी सामाजिक भ्रांतियों के साथ-साथ कुल चलाने के लिए बेटे की चाहत में लड़कियों को अभाग्यशाली मानना जैसी कुप्रथाएं समाज में प्रचलित थीं। पूज्य गुरू जी ने जनजागरूकता अभियानों के माध्यम से जनजागृति का ऐसा बीड़ा उठाया कि मानवता भलाई के कार्य देखते ही देखते जनआंदोलन का रूप लेने लग गए।

लोग खूनदान करने के लिए आगे आने लगे हैं। बेटियों को सबला बनाने लगे हैं और इतना ही नहीं, बेटियां वंश चलाने लगी हैं। अस्पतालों को रक्त और रिसर्च के लिए पार्थिव देह दान में मिलने लगी हैं। पौधारोपण समाज का पंसदीदा कर्तव्य बनता जा रहा है और लोग पेड़-पौधों की महत्ता को समझने लगे हैं। वृद्धों, अनाथों, जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से निजात दिलाने के साथ-साथ फूड बैंक भूख से व्याकुल लोगों के लिए बड़ा सहारा बन गए हैं। मानवता भलाई के कार्य जनआंदोलन बने तो डेरा सच्चा सौदा मानवता का कारखाना। गर्व है कि मुझे डॉ. एमएसजी के रूप में सच्चा पथ प्रदर्शक गुरू मिला।

इन्सानियत को किया जिंदा

पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अपने रूहानी सत्संगों के माध्यम से मानवता का पाठ पढ़ाने के साथ-साथ इन्सानियत को जिंदा कर रहे हैं। इसके साथ ही नाम की अनमोल दात प्रदान कर करोड़ों लोगों के जीवन से दुखों को मिटाकर उनके जीवन में सुखों की बहारें ला रहे हैं। इलाही गुरूमंत्र के जाप से मनुष्यता आत्मबल से सराबोर हो रही है। पूज्य गुरू जी के विशाल रूहानी सत्संगों को श्रवण करके करोड़ों लोगों ने स्वेच्छा से मानव सेवा की शपथ ली है, जिसे इन्होंने जीवन में अपनाया है।


मैं पूज्य संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का कोटि-कोटि आभारी हूँ। जिनकी प्रेरणा ने डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों में सेवा भावना को जन्म दिया है, जिससे ये सेवादार सच्ची श्रद्धा से आम नागरिक की भलाई के कार्य कर रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा कोरोना के मुश्किल वक्त में मास्क वितरित करना और जरूरतमंदों की मदद करना काबिले तारीफ रहा।
-सुखबीर सिंह सिद्धू पालिकाध्यक्ष संगरिया

डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। हमें ब्लड के मामले में कभी भी कोई कमी नहीं आने देते हैं। आज शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स के सेवादारों की वर्दी सेवा की सबसे बड़ी पहचान बन गई है। हमें ब्लड की जरूरत होने पर जब भी सेवादारों को बुलाया है काम छोड़कर ब्लड देने आ जाते हैं। यही कारण रहा कि गंगानगर में लगातार कोरोना काल, डेंगू के टाइम एसटीडी आरडीबी की सेवा सेवादारों से हमें मिलती रहती है।
-महेश पेड़ीवाल अध्यक्ष, तपोवन ट्रस्ट, श्रीगंगानगर

-लखजीत इन्सां

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