कोविड बाद एच3एन2 ने बढ़ाई चिंता, अस्पताल में कतारें

अस्पतालों में बड़ी तादाद में पहुंच रहे सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। कोविड के बाद अब दूसरा वायरल इन्फेक्शन चिंता बढ़ाने लगा है। देशभर में इन्फ्लुएंजा वायरस के ए सबटाइप एच3एन2 के मामले बढ़ रहे हैं। कई मामलों में संक्रमितों को गंभीर बीमारी हो रही है। इसके लक्षण भी कोविड के जैसे ही हैं। सर्दी-जुकाम और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मौसम बदलने पर फ्लू के मामले बढ़ते जरूर हैं, लेकिन इस बार ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं।

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एच3एन2 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। एच3एन2 के लक्षण कोरोना के तरह ही हैंजो चिंता बढ़ाते हैं। इसकी चपेट में आने के बाद लोगों को थकान और कमजोरी से उबरने में दो हफ्ते से ज्यादा का समय लग रहा है। नाक बहना, तेज बुखार, खांसी (शुरुआत में गीली और फिर लंबे समय तक सूखी), चेस्ट कंजेशन एच3एन2 के लक्षण हैं।

मौसमी इन्फ्लुएंजा से संक्रमित होने पर बुखार, खांसी (आमतौर पर सूखी), सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकावट, गले में खराश और नाक बहने जैसे लक्षण नजर आते हैं। ज्यादातर लोगों का बुखार एक हफ्ते में ठीक हो जाता है लेकिन खांसी ठीक होने में दो या उससे ज्यादा हफ्ते का समय लग जाता है। वैसे तो इन्फ्लुएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति को कभी भी हो सकता है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और किसी बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को है।

चूंकि ये वायरल बीमारी है, इसलिए किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये आसानी से फैल सकतीहै। भीड़भाड़ वाली जगहों पर ये आसानी से फैल सकता है। इन्फ्लुएंजा से संक्रमित कोई व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है तो ये ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं। इतना ही नहीं, किसी संक्रमित सतह को छूने से भी ये वायरस फैल सकता है। लिहाजा, खांसते या छींकते समय मुंह को ढकना जरूरी है। साथ ही बार-बार अपने हाथ भी धोते रहना चाहिए।

क्या करें और क्या न करें?

मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बार-बार अपनी आंखों और नाक को छूने से बचें। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढककर रखें। बुखार या बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें। हाथ मिलाने और किसी भी तरह की गेदरिंग से बचें। सार्वजनिक जगहों पर थूकने से बचें। डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक या दवा न लें। नजदीक बैठकर खाना न खाएं।

जिला अस्पताल की ओपीडी में बढ़ी मरीजों की तादाद

हनुमानगढ़ जिले में भी एच3एन2 वायरस की चपेट में बढ़ी तादाद में लोग आ रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी स्थिति नियंत्रण में है। संक्रमित मरीज पांच-छह दिन में ठीक हो रहे हैं। टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय में भी खांसी-जुकाम के मरीजों में इन दिनों काफी बढ़ोतरी हुई है। जिला अस्पताल के डॉ. वेदपाल ने बताया कि वर्तमान में सीजनल इन्फलुएंजा वायरस के मरीज अधिक आ रहे हैं। साधारण खांसी-जुकाम के मरीजों में इन दिनों बढ़ोतरी हुई है। एच3एन2 वायरस, एडिनो वायरस, पैरा इन्फलुएंजा वायरस का प्रकोप है। इसमें तीन-चार दिन तक बुखार-खांसी की शिकायत रहती है लेकिन राहत की बात है कि मरीज ठीक हो रहे हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में है।

किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से यह वायरस एक से दूसरे में फैलता है। इस वायरस की चपेट में आने वाले मरीज के लिए कोई विशेष इलाज नहीं है। इसमें भी मास्क लगाने, हाथों को बार-बार सैनेटाइज करने, एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखने में ही बचाव संभव है। बच्चा वार्ड में भी मारामारी की स्थिति नहीं है। सीरियस केस नहीं आ रहे। अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि एच3एन2 वायरस के लक्षणों में खांसी-जुकाम, गला दर्द, शरीर दर्द, बुखार, सिरदर्द आदि शामिल है। पांच से सात दिन में रोगी ठीक हो रहे हैं। बचाव ही इसका इलाज है। उन्होंने सलाह दी कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोई दवा का सेवन न करें। चिकित्सक की लिखी दवा का ही इस्तेमाल करें। मास्क का उपयोग करें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

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