कब्रों के ऊपर खींची देखी सफेद चूने की लाइन तो फैला रोष

कब्रिस्तान में एकत्रित हुए मुस्लिम समुदाय के नागरिक, प्रशासन ने पहुंच की समझाइश

हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज) टाउन की कब्रिस्तान में सोमवार को कब्रों के ऊपर से सफेद चूने से खींची लाइन देखकर मुस्लिम समाज के नागरिकों में रोष फैल गया। बिना अनुमति सफेद चूने से खींची गई लाइन देखकर समाज के नागरिकों ने अनुमान लगाया कि कब्रिस्तान की जगह को प्रशासन की ओर से अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया है। लेकिन सूचना पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने नागरिकों को जब यह बताया कि स्वामित्व योजना के तहत किए गए ड्रोन के जरिए कृषि भूमि व आबादी भूमि का सर्वे कर निशान लगाया गया है। अतिक्रमण जैसी कोई बात नहीं है तो समाज के नागरिक शांत हुए। इससे पहले सोमवार को कब्रों पर सफेद चूने से लाइन खींची होने का पता चलते ही मुस्लिम समाज के नागरिकों में रोष फैल गया। समाज के कई गणमान्य नागरिक कब्रिस्तान में एकत्रित हो गए।

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क्या है मामला

सूचना मिलने पर तहसीलदार हरदीप सिंह, गिरदावर गुलजार अहमद, सहायक विकास अधिकारी अशोक कुमार शर्मा, मलकीत सिंह, हरिराम व ग्राम पंचायत अमरपुरा थेहड़ी के ग्राम विकास अधिकारी नंदकिशोर आदि मौके पर पहुंचे और मुस्लिम समाज के नागरिकों का असमंजस दूर किया। इस मौके पर मौजूद मुस्लिम समुदाय के सदीक मोहम्मद व हाजी मुखत्यार अली का कहना था कि वे स्वामित्व योजना के खिलाफ नहीं हैं। उन्हें ऐतराज इस बात का है कि नौ दिसम्बर को उनके बुजुर्गांे की कब्रों पर सफेद चूना डाल दिया गया। इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया गया।

इस बात का समाज के नागरिकों में रोष था। उन्होंने कब्रिस्तान में बने सफेद निशान देखकर अंदाजा लगाया कि प्रशासन की ओर से कब्रिस्तान की जगह को अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया है। लेकिन तहसीलदार की ओर से मौके पर आकर अवगत करवाया गया है कि कब्रिस्तान को कोई नुकसान नहीं होगा। साथ ही आश्वस्त किया कि कब्रिस्तान की जगह का पट्टा बनाकर दिया जाएगा।

तहसीलदार हरदीप सिंह ने कहा…

वहीं तहसीलदार हरदीप सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार की स्वामित्व योजना के तहत ग्राम पंचायत अमरपुरा थेहड़ी के चक 13 एचएमएच में कृषि भूमि व आबादी भूमि का सर्वे किया गया था। उस सर्वे में आबादी भूमि की कुछ सीमा टाउन के कब्रिस्तान में आई। इस कारण ड्रोन सर्वे के लिए टाउन कब्रिस्तान में सफेद कली से निशान लगाया गया। समाज के नागरिकों को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। इस कारण वे असमंजस में थे। मौके पर पहुंच उन्हें स्वामित्व योजना के बारे में जानकारी देकर समझाइश की गई। इस पर वे संतुष्ट हो गए। अतिक्रमण जैसी कोई बात नहीं है। कब्रिस्तान की जगह भी आबादी भूमि में ही होती है।

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