Happy New Year 2023: अपनों के साथ नए साल को बनाएं खास

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नये साल की शुभकामनाएं | Happy New Year 2023

नई दिल्ली। नया साल 2023 की सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। जीवन का अन्दाज है-जो था, जो है, जो होगा, बस, सबकी संयोजना, संकल्पना, व्यवस्था के बदलाव का ही एक नाम है- नया जीवन, नया वर्ष और नयी शुरूआत। बीते कल के अनुभव और आज के संकल्प से भविष्य को रचें। तभी सार्थक होगा नएवर्ष की अगवानी का यह पल-यह अवसर। नए साल की शुरूआत पर कुछ नया सोचें, नया लिखें, नया करें, नया कहें और नया रचें। प्रश्न है नया हो क्या? क्या कलेण्डर बदल देना ही नयापन है? पर मूल में तो सबकुछ कल भी वही था, आज भी वही है और कल भी वही होगा।

नया साल मुबारक

अपेक्षा है अपने नजरिये को सकारात्मक बनाने की। अपेक्षा एक ऐसा शब्द है, जो हममें आने वाले बदलावों के साथ-साथ बदलता रहता है। अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने का सबसे पहला और सबसे बड़ा रहस्य यही है कि आप इस तथ्य को आत्मसात कर लें कि आप जो बचपन या किशारोवस्था में होते हैं, वही युवावस्था या बुढ़ापे में नहीं होते, यह बात तो स्पष्ट है। यहां तक कि जो आप कुछ घंटों पहले थे, उसमें भी बदलाव आ चुका होता है। आपके हर एक दिन ने आपको गढ़ा है, आपके व्यक्तित्व को आकार दिया है।

अपने व्यक्तित्व को सर्वांगीण आकार देने के संकल्प के साथ नए वर्ष का स्वागत हम इस सोच और संकल्प के साथ करें कि हमें कुछ नया करना है, नया बनना है, नये पदचिह्न स्थापित करने हैं। बीते वर्ष की कमियों पर नजर रखते हुए उन्हें दोहराने की भूल न करने का संकल्प लेना है।

दुनिया में सबसे बड़ा आश्चय | Happy New Year 2023

सबसे जरूरी है स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार। दुनिया में सबसे बड़ा आश्चर्य है अपने आपको नहीं जानना। आदमी अपने आपको नहीं जानता, अपने आपको नहीं देखता, यह सबसे बड़ा आश्चर्य है। यह प्रश्न महाभारतकाल में भी पूछा गया था-‘किमाश्चर्यमत: परम।’ दूसरों को जानने वाला आदमी अपने आपको नहीं जानता, दूसरों को देखने वाला स्वयं को नहीं देखता, क्या यह कम आश्चर्य है? प्रसिद्ध लोकोक्ति है कि अपनी बुद्धि से साधु होना अच्छा, पराई बुद्धि से राजा होना अच्छा नहीं।

नया वर्ष में करें अच्छा

हजारों-हजारों मीलों की दूरी पर होने वाली घटनाओं और परिवर्तनों को जानने वाला आदमी अपने भीतर घटित होने वाली घटनाओं और परिवर्तनों को नहीं जानता, क्या यह कम आश्चर्य है? बहुत बड़ा आश्चर्य है। इसी सन्दर्भ में महान् दार्शनिक गेटे का कथन है कि यदि तुम्हारे हृदय से उत्पन्न नहीं हुई है तो तुम दूसरों के हृदय को कदापि प्रसन्न नहीं कर सकते।

नय वर्ष की अगवानी में सबसे कठिन काम है-दिशा-परिवर्तन। दिशा को बदलना बड़ा काम हैं लेकिन आदमी दिशा नहीं बदलता, दिशा वही की वही बनी रहती है। आदमी एक ही दिशा में चलते-चलते थक जाता है, ऊब जाता है। किन्तु दिशा बदले बिना परिवर्तन घटित नहीं होता।

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

| Happy New Year 2023

एमर्सन का कहा हुआ है वे विजय कर सकते हैं, जिन्हें विश्वास है कि वे कर सकते हैं। यदि जीवन की दिशा बदल जाती है तो सब कुछ बदल जाता है। जीवन की दिशा बदलती है अपने आपको जानने और देखने से। महान् क्रांतिकारी श्री सुभाषचन्द बोस का मार्मिक कथन है कि जिस व्यक्ति के हृदय में संगीत का स्पंदन नहीं है, वह चिंतन और कर्म द्वारा कदापि महान नहीं बन सकता।

मेरी दृष्टि में अच्छा सोचो, अच्छा देखो, अच्छा बोलो, अच्छा सुनो और अच्छा करो, सबके प्रति अच्छे भाव रखो, सफलता जरूर मिलेगी। सेवा की मिसाल मदर टेरेसा ने कहा भी है कि मीठे बोल संक्षिप्त और बोलने में आसान हो सकते हैं, लेकिन उन की गूँज सचमुच अनंत होती है।

जीवन की सफलता

जीवन की सफलता के लिए जरूरी है-मस्तिष्क में आइस फैक्टरी और जुबां पर शूगर फैक्टरी लगे। जो धैर्य, बुद्धि, संकल्प, श्रम की शक्ति से संपन्न होता है, वही सफलता के शिखर पर आरूढ़ हो सकता है। प्लूटार्क के अनुसार क्रोध बुद्धि को घर से बाहर निकाल देता है और दरवाजे पर चटकनी लगा देता है। जीवन की सार्थकता सदा मुस्कुराते रहने में ही है और इसी से नयावर्ष सराबोर बने, ऐसा प्रयत्न करना चाहिए।

जीवन को सफल बनाने के लिये यह आवश्यक है कि आप स्थिति का सही विश्लेषण करके, उसके संदर्भ में सही पृष्ठभूमि बनाएं। हम जो भी महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहे हैं, यदि उनके संदर्भ में हमें पृष्ठभूमि की सही जानकारी नहीं है तो हमारे कार्य करने की दिशा गलत हो सकती है।

एक सफल जीवन का निर्वाह करने के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने भीतर ऐसे गुणों का विकास करें, जिनके द्वारा सभी को एक साथ लेकर चलने की कला में दक्षता प्राप्त कर सके। इसके लिए सबसे पहले हमें स्वयं को तैयार करना होगा। जब तक हम दूसरों का सम्मान नहीं करेंगे, तब तक दूसरे भी हमारे प्रति आदर का भाव नहीं रखेंगे।

दूसरों में खूबियां अधिक दिखाई देने लगेंगी | Happy New Year 2023

जिन्दगी को एक ढर्रे में नहीं, बल्कि स्वतंत्र पहचान के साथ जीना चाहिए। जब तक जिंदगी है, जिंदादिली के साथ जीना जरूरी है। बिना उत्साह के जिंदगी मौत से पहले मर जाने के समान है। उत्साह और इच्छा व्यक्ति को साधारण से असाधारण की तरफ ले जाती है।

जिस तरह सिर्फ एक डिग्री के फर्क से पानी भाप बन जाता है और भाप बड़े-से-बड़े इंजन को खींच सकती है, उसी तरह उत्साह हमारी जिंदगी के लिए काम करता है। इसी उत्साह से व्यक्ति को सकारात्मक जीवन-दृष्टि प्राप्त होती है। जैसी हमारी जीवन दृष्टि होगी, दूसरे लोग भी हमें वैसे ही दिखाई देंगे। यदि हम अपनी प्रवृत्ति में सकारात्मक जीवन दृष्टि विकसित करें तो हमें दूसरों में खूबियां अधिक दिखाई देने लगेंगी।

बिना किसी को मिटाये निर्माण की नई रेखाएं खींचें

यदि हमारे लिए नकारात्मक जीवन दृष्टि विकसित होने लगे, तो हमें दूसरों में खामियां अधिक नजर आने लगेंगी। इसलिये एक नये एवं आदर्श जीवन की ओर अग्रसर होने वाले लोगों के लिये महावीर की वाणी है-‘उट्ठिये णो पमायए’ यानी क्षण भर भी प्रमाद न करे।

प्रमाद का अर्थ है-नैतिक मूल्यों को नकार देना, अपनों से पराए हो जाना, सही-गलत को समझने का विवेक न होना। ‘जो आज तक नहीं हुआ वह आगे कभी नहीं होगा’ इस बूढ़े तर्क से बचकर नया प्रण जगायें। बिना किसी को मिटाये निर्माण की नई रेखाएं खींचें। यही साहसी सफर शक्ति, समय और श्रम को सार्थकता देगा।

बुद्धिमान न्यायाधीश

नया साल की शायरी | Happy New Year 2023

कमबख्त! कवियों की एक आदत बहुत अच्छी है। वह यह है कि कवि बस कहता ही रहता है। करता कुछ नहीं है। कहता उत्तर करता दक्षिण! दिशा बदल जाए, मगर दंश वही है। बिच्छू सांप हो जाए तो क्या, वंश वही है। बस हमेशा गड्ड-मड्ड हुआ सा रजाई में ही रहता है। वह अपने ही ढर्रे में नाले सा बहता है।

पिछले साल भी कवि ने कहा और इस साल भी कविराज सिर्फ कह रहे हैं। पुराने साल को टाटा कहते हुए नए साल में बह रहे हैं। काल के एक खंड पर उग रहा है रवि। सिर्फ स्याह छाया को ही समझो अपनी छवि। कहता है कवि-दीवाल पर टंगा कलेंडर बदल रहा है, लेकिन साल वही है।

कंपनी छाप नामा नई सीमेंट बदल रही है, लेकिन दीवाल वही है। गब्दू चेहरे पर रखी खोपड़ी बदल रही है, लेकिन बाल वही है। सोशल मीडिया पर उबला खून बदल रहा है, लेकिन खाल वही है। कमबख्त! कवि कहता ही रह रहा है। जख्म सीने के भीतर समेटे पीड़ा सहता ही रह रहा है।

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कह रहा है- पेड़ों पर टंगी पत्तियां बदल रही है, लेकिन डाल वही है। मुर्दे के वजन मुताबिक लकड़ी बदल रही है, लेकिन टाल वही है। कवि की कविताई में साफ लिखा है। अमावस की काली रात में कहीं चांद दिखा है? सच है कि हर कब्रिस्तान में अपने ढंग के कफन होते हैं। न केवल मुर्दे बल्कि वादे, नारे, विश्वास, भरोसा, आशा, जुमले, संकल्प सभी सरकारी ढंग से दफन होते हैं। जो सरकारी है वही कफन बदल रहा है, लेकिन काल वही है।

रात भर फड़फड़ाता कैलेंडर बदल रहा है | Happy New Year 2023

रात भर फड़फड़ाता कैलेंडर बदल रहा है, लेकिन साल वही है। कितनी बातों में कितनी बार! कितनी नावों के बदलूं सवार! जिसकी कश्ती उसकी पतवार! सोमवार के बाद बहुत समय बाद आता है रविवार! चाहे कोई नाम बदल कह दे दीतवार! कवि अपनी धारा में बह रहा है। अपना मुंह बंद करके कह रहा है।

संसद, सांसद, नेता, मंत्री बदल रहे हैं, लेकिन दलाल वही है। वादे, नारे, जुमले, जवाब बदल रहे हैं, लेकिन सवाल वही है। चमचे, अफसर और नेता बदल रहे हैं, लेकिन बवाल वही है। इसे कैसे कहूं नया साल, वही तो है पुराना बवाल! ऐसे कैसे कह दूं बढ़िया जवाब, वही तो है पुराना सवाल। शब्द, स्थान, आवाज और बातें बदल रही है, लेकिन गाल वही है। पिज्जा, बर्गर के संग-संग रोटी बदल रही है, लेकिन दाल वही है।

शायरी

संसद की मुंडेर पे बैठे पंछी बदल रहे हैं, लेकिन जाल वही है। चेहरा, रूप, रंग-ढंग बदल रहा है, लेकिन ढाल वही है। बस नित उठ-उठ पैकिंग बदल रहा है, लेकिन माल वही है। कवि चहक रहा है। कवि खुद को इतना बुलंद कर रहा है कि इस दिसंबरी ठंड में खुदा खुद उससे कह रहा है, अरे ओ कवि! तेरा ध्यान किधर है! देख तेरी रजाई इधर है! कवि को अचानक रामगढ़ का कालिया नजर आया। अब कवि ने चिल्लाकर कहा। अरे ओ महान कालिया! तेरा सुर बदल रहा है, लेकिन ताल वही है।

रामगढ़ से इंद्रप्रस्थ चला गया तो अब तूं चेहरा बदल रहा है, लेकिन तेरी चाल तो वही है। राजधानी में मंत्री जी के दिखाए सपने बदल रहे हैं, लेकिन जंजाल वही है। संसद में कितना ही हंगामा मचाओ और कह दो कि स्वयं भूकंप बदल रहा है, लेकिन सच पूछो तो भूचाल तो वही है। कितना ही कैलेंडर फड़फड़ाए। दीवाल से लटका-लटका चिल्लाए। कैलेंडर बदल गया है, लेकिन साल तो वही है।

नए साल का आगाज, नए संकल्पों के साथ | Happy New Year 2023

2022 की धुंधली होती यादों के बीच एक और नया साल, नयी ऊर्जा, उम्मीद व आशा के साथ दस्तक देने को तैयार है। प्रत्येक वर्ष दिसंबर माह के आगमन के साथ ही नये साल के स्वागत का काउंटडाउन शुरू हो जाता है।

चूंकि, समय को रोका नहीं जा सकता है, इसलिए दैनंदिनी के नये अंक के साथ-साथ इस नैसर्गिक परिवर्तन को दैनिक जीवन में स्वीकार करना अवश्यंभावी जान पड़ता है। हर बीतता वर्ष अपने साथ यादों का एक बड़ा पिटारा साथ छोड़े जाता है। इन यादों में किसी व्यक्ति को किसी अपने के खोने का गम होता है, तो किसी को जिंदगी में पाने की खुशी।

नया वर्ष आपके लिए हो अच्छा

साथ ही, इस पिटारे में लोगों के सुख-दुख भरे जीवन की गाथा भी होती है। इन्हीं यादों के अवशेष पर हम नये साल की आधारशिला रखते हैं। नये वर्ष के आगमन से समाज के हर एक तबके की उम्मीदें बंधी हुई होती हैं। सामाजिक हाशिये पर जीवन यापन करने को मजबूर लोगों को सरकार से ढेरों आशाएं हैं कि उनकी बेजान जिंदगी को आत्मनिर्भर बनाने में सरकार आवश्यक सहयोग करेगी।

विभिन्न समस्याओं से त्रस्त तथा आत्महत्या करने को मजबूर अन्नदाताओं को सरकार से ठोस सहायता व भरोसे की उम्मीद है। गत कुछ वर्षों में आधी आबादी की दर्जा प्राप्त महिलाओं को समाज में खून के आँसू रोने को मजबूर होना पड़ा है। भ्रूण हत्या, दहेज व बलात्कार सहित घरेलू व सामाजिक हिंसा की शिकार महिलाओं को समाज से मित्रवत व्यवहार तथा सुरक्षा के लिए सहयोग की आशा है। दिव्यांग और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग भी नये साल में समाज में अपनत्व का भाव पाने की उम्मीद लगाए है।

नये संकल्प | Happy New Year 2023

यूं तो, हर व्यक्ति नये साल का आगाज नये संकल्प के साथ करता है। यह बात दीगर है कि कोई उसपर अमल कर पाता है, तो कई ऐसे भी हैं, जो परिस्थितियों से समझौता कर लेते हैं।

यह भी देखा गया है कि संकल्पित व्यक्ति नये साल के शुरूआती कुछ महीने में अपने संकल्प के प्रति निष्ठावान रह पाते हैं, उसके बाद संकल्पित विचार स्मृति से शनै: शनै: ओझल होने लगती हैं और इस तरह कुछ ही दिन में वे पुन: अपने परंपरागत ढर्रे पर लौट आते हैं। संकल्प या इच्छाशक्ति का होना, आदर्श मानव जीवन की एक बुनियादी विशेषता होती है। बिना संकल्प, ना हम व्यक्तिगत, पारिवारिक जीवन में अपनी जिम्मेदारियों के साथ न्याय कर पाते हैं और ना ही सामाजिक स्तर पर ही हम देश व समाज की उन्नति में एक सक्रिय नागरिक की भूमिका ही निभा पाते हैं।

2023 का सुंदर आगाज | Happy New Year 2023

संकल्प, व्यक्ति को नैतिक रुप से तटस्थ और अपने सिद्धांतों के प्रति निष्ठावान बने रहने की शक्ति प्रदान करता है। दुगुर्णों पर विजय और आने वाले समय के लिए हमारा संकल्प हमें मानसिक रूप से तैयार करता है। क्या हम एक ऐसे समाज की कल्पना कर सकते हैं, जहां व्यक्ति अपने कार्य के प्रति ईमानदार और सामाजिक दायित्वों के प्रति निष्ठावान रहने का संकल्प ही नहीं लेता हो?

बिल्कुल नहीं।निश्चय ही, हमारा कुछ संकल्प व्यक्तिगत बुराइयों पर विजय दिला सकता है, तो कुछ संकल्प सामाजिक बदलाव में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। नव वर्ष के प्रात: काल हम देशहित में कुछ नये संकल्पों के साथ वर्ष 2023 का सुंदर आगाज कर सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि हमारा पर्यावरण बुरे वक्त से गुजर रहा है। मौसम-चक्र पूरी तरह विच्छेद हो चुके हैं। न समय पर ठंड आती है, ना गर्मी और ना ही बरसात।

जलवायु परिवर्तन | Happy New Year 2023

औद्योगीकरण के चलते वनों के आवरण में कमी आने से वैश्विक समुदाय को वैश्विक ऊष्णता का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तमाम तरह के सभा-सम्मेलनों के आयोजन के बावजूद पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन जागरूक नहीं हैं।

आने वाले दिनों में मानव समुदाय को कठोर जलवायविक परिघटनाओं का शिकार होना पड़ सकता है। अत: नये वर्ष के आगमन पर एक पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा का संकल्प कई मायनों में खास साबित हो सकता है। नागरिकों के इस प्रयास से हमारा परिवेश स्वच्छ व सुंदर होगा, तो दूसरी ओर इसके दीर्घकालिक परिणाम जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने में मदद करेगी। ट्रैफिक नियमों के पालन को संकल्पों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है।

यह वाकई हैरान करने वाला है कि भारत में हर घंटे होने वाले 57 सड़क हादसों में औसतन 17 लोग काल के गाल में समा रहे हैं। यह स्थिति दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र के लिए तब अधिक अफसोसजनक हो जाती है। इसीलिए हमें यातायात नियमों पर पूर्णत पालन करना चाहिए। इसी तरह, हर भारतीय को अपने आसपास गंदगी न फैलाने अथवा स्वच्छता का संकल्प लेना चाहिए। स्वच्छता का सीधा संबंध सेहत से होता है।

अगर हम अपने शरीर, घर व आसपास को साफ-सुथरा रखते हैं, तो बीमारियों का बसेरा भी कम होगा और मानसिक तौर पर भी हमें शांति मिलेगी। लिहाजा यदि हरेक व्यक्ति अपने आसपास गंदगी न करने का संकल्प लेता है, तो देश में स्वच्छ भारत अभियान की रफ्तार को नयी गति मिल सकती है।

गुरु दक्षिणा

Water Quality

देश के 130 करोड़ लोग यदि अपने कार्यों व जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदार रहने का संकल्प लेते हैं, तो देश में विकास को नयी गति मिल सकती है। इसी तरह, राष्ट्र की एकता व अखंडता की रक्षा तथा संविधान के प्रति आस्था और विश्वास का संकल्प एक जिम्मेवार नागरिक का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए। बिहार की तर्ज पर देश में शराबबंदी हो या नहीं, लेकिन हमारा यह संकल्प कि धुम्रपान तथा मदिरापान का त्याग तथा इसकी लत से ग्रस्त लोगों को उबारने का प्रयास भविष्य में सुखद परिणाम देंगे।

नया साल नयी उम्मीदों व आशाओं से भरा होता है। नये साल में हर किसी की खुशी दोगुणी हो जाती है। नये जोश व ऊर्जा से लबरेज लोग परिवर्तन की नयी गाथा लिखने को व्याकुल रहते हैं। इस अवसर पर कुछ सामाजिक संकल्प लेकर हम व्यक्तिगत व राष्ट्रीय विकास में योगदान दे सकते हैं। संकल्प लेना बड़ी बात नहीं है। जरूरी है कि हम अपने संकल्पों पर अडिग रहें और अपने लक्ष्य को हासिल करें तथा इसकी सार्थकता सिद्ध करें। | Happy New Year 2023

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