हिरासत में लिए गए जामिया के सभी छात्र रिहा
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पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन समाप्त
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दायर याचिकाओं की सुनवाई 18 दिसबंर को करेगा। याचिकाकतार्ओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले का विशेष उल्लेख मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ के समक्ष किया और त्वरित सुनवाई का उससे अनुरोध किया। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वह बुधवार (18 दिसंबर) को मामलों की सुनवाई करेंगे। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिरासत में लिए गए सभी छात्रों को रिहा करने के बाद पुलिस मुख्यालय के बाहर चल रहा छात्रों का प्रदर्शन सोमवार सुबह समाप्त हो गया।
जामिया परिसर में जबरन घुसकर पुलिस द्वारा छात्रों के साथ की गयी मारपीट के विरोध में जामिया, जवाहरलाल नेहरू और दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने पुलिस मुख्यालय के समक्ष रातभर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्र हिरासत में लिए गए छात्रों को तत्काल रिहा करने की मांग कर रहे थे। प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को मानने और हिरासत में लिए गए छात्रों को रिहा करने के बाद छात्रों ने सोमवार सुबह पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन समाप्त कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई से छात्रों में दहशत
जामिया में हालांकि शीतकालीन अवकाश है लेकिन परिसर में घुसकर पुलिस की कार्रवाई से छात्रों में दहशत पैदा हो गया है। बातचीत के दौरान कुछ छात्राएं रोने लगीं और कहा कि पुलिस जिस बर्बरता के साथ जामिया परिसर और पुस्तकालय में घुसकर तांडव मचाया उससे हमलोगों में भय का माहौल है। छात्रावास की छात्राओं ने कहा जितनी जल्दी यह सब हुई, उसके कारण वह अपने अपने घर जाने की तैयारी कर रही हैं। वहीं कुछ छात्र-छात्राओं ने कहा कि पुलिस बर्बरता और नागरिकता कानून के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा।
- उधर, जामिया प्रशासन छात्रों से संयम बरतने की अपील किया है।
- यहां रविवार को हुई हिंसा में घायलों में तीन छात्र और एक पुलिसकर्मी आईसीओ में भर्ती हैं।
- इसके अलावा कई छात्रों का इलाज वार्ड में चल रहा है।
- जामिया नगर इलाके में अब भी तनाव बरकरार है।
- जामिया के छात्रों पर पुलिस बर्बरता के खिलाफ देश भर के कई विश्वविद्यालयों में छात्र आंदोलन कर रहे हैं।
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