स्वच्छ भारत मुहिम के राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित ‘हिम्मतपुरा’

Swachh Bharat Abhiyan

सलाम: केंंद्रीय पंचायत मंत्री तोमर ने दिया सरपंच परिमंदर सिंह को अवॉर्ड | Swachh Bharat Abhiyan

  • अवॉर्ड मिलने से ग्रामीणों में खुशी की लहर
  • गाली निकालने वाले को गांव में पांच सौ रुपए जुर्माना करने की है व्यवस्था

बठिंडा (सच कहूँ/अशोक)। जिला के गांव हिम्मतपुरा का केन्द्र सरकार (Swachh Bharat Abhiyan) स्वच्छ भारत मुहिम के तहत राष्टÑीय अवार्ड से सम्मानित किया गया है जिसको लेकर गांव में खुशियों का माहौल है। पंजाब में से दो पंचायतें इस सम्मान के लिए चुनी गई हैं जिनमें से हिम्मतपुरा का पहला नंबर था। केन्द्रीय पंचायत मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने हिम्मतपुरा के नौजवान सरपंच परिमंदर सिंह को दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण अवार्ड प्रदान किया तथा अधिकारी परमजीत भुल्लर, पंचायत विभाग के अधिकारी अरविंदरपाल सिंह, करनवीर सिंह तथा गुरकिरण सिंह भी मौजूद थे।

बठिंडा का छोटा सा गांव कोठे हिम्मतपुरा पहली बार तब चर्चा में आया था जब पंचायत ने गांव को साफ सुथरा बनाने का संकल्प लिया था। हालांकि उस वक्त सफलता के प्रति संदेह बरकरार था परंतु ग्रामीणों के सहयोग से पंचायत ने असंभव को संभव कर दिखाया था। गत दिवस हुए चुनावों के दौरान नई चुनी पंचायत ने सरपंच परमिंदर सिंह के नेतृत्व में पहले वाले कार्यों को आगे बढ़ाने की ठान ली जिसका परिणाम सबके सामने है।

गांव के क्लब का इस प्राप्ति में बड़ा योगदान है। नौजवानों ने ग्रामीणों के सहयोग से गांव की नुहार को चार चांद लगा दिये हैं। कूड़ा करकट फैंकने के लिए गांव के हर गली मोहल्ले में रंग बिरंगे कूड़ेदान रखे हुए हैं। ग्रामीणों में इतनी समझ है कि गली में कागज भी नहीं फेंका जाता है। जब मर्जी गांव में जाओ गांव की किसी भी गली में कूड़ा नहीं दिखता है। गांव में वातावरण की शुद्धता के लिए पौधे लगाए हैं तथा पार्कों में चारों तरफ अब फूलों की महक है। पेड़ों की छांव ने वातावरण में बदलाव ला दिया है।

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तंबाकू रहित गांव भी है हिम्मतपुरा | Swachh Bharat Abhiyan

कैप्टन के पूर्वजों के गांव महिराज के पास यह गांव अब महकने लगा है। हिम्मतपुरा को जिले का पहला तंबाकू रहित गांव होने का मान भी प्राप्त हुआ है। हिम्मतपुरा ने सिर्फ नशे ही नहीं त्यागा बल्कि भ्रूणहत्या तथा बुरा बोलने का दाग भी धोया है। पंजाब का यह पहला गांव है जिसने महिलाओं के मान-सम्मान में यह अनोखे कदम उठाए हैं। गांव में 203 वोटर हैं जिनमें से 103 महिलाएं हैं। गांव में गाली निकालने वाले को पांच सौ रुपए जुर्माना करने की व्यवस्था है। जो बाहर से आया व्यक्ति है वह भी गाली निकालता है तो उसको भी जुर्माना देना पड़ेगा। यदि वह दूसरी बार ऐसा करता है तो उसका गांव में आना बंद किया जा सकता है।

नहीं है गांव में शराब का ठेका

गांव हिम्मतपुरा की पंचायत लड़की के विवाह के अवसर पर 5100 रुपए का तथा नवजात बच्ची को 1100 रुपए का शगुन देती है। रात के 10 बजे के बाद डीजे चलाने की मनाही की गई है। नशों के मामले में हर गांव में शराब का ठेका नहीं है। नशों के मामले में हर गांववासी प्ररणा देता है ताकि नौजवान इससे बचा रहे। गांव की पंचायत लड़ाई झगड़ों या मन मुटाव के फैसले भी गांव में ही करने को तरजीह देती है।

राह दिखाने वाला बना गांव हिम्मतपुरा

  • गांव विकास अधिकारी परमजीत सिंह का कहना था
  • कि हिम्मतपुरा के लोक पंजाबियों के लिए राह दिखाने वाला बन गया है।
  • उन्होंने कहा कि जिस राह पर यह गांव चल रहा है,
  • उस पर सारे चलें तो पंजाब से गंदगी का कोढ़ खत्म किया जा सकता है
  • उन्होंने कहा कि गांव को स्वच्छ बनाने में गांव के क्लब मैंबरों का अहम योगदान है
  • यह सब गांव वासियों के योगदान से हुआ है।
  • हिम्मतपुरा के नौजवान सरपंच परमिंदर सिंह का कहना था
  • कि गांव को राष्टÑीय सम्मान मिलना गौरव की बात है।
  • उन्होेंने कहा कि पुरस्कार के कारण उन पर और अधिक जिम्मेदारी आ गई है।
  • उन्होंने कहा कि वह इस परंपरा को बरकरार रखने के लिए सिरजोड़ यत्न करेंगे।

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