संकट: बढ़ती महंगाई से गड़बड़ाया रसोई का बजट’

inflation

गृहणियां सरकार से महंगाई पर अंकुश लगाने की कर रही मांग

सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। शहर में लगातार बढ़ रही महंगाई से जूझ रहे लोगों को इस माह एक बार फिर से रसोई गैस में भारी बढ़ोतरी के कारण रसोई बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। खास कर नौकरीपेशा और मध्यमवर्गीय परिवार पर इसका ज्यादा असर पड़ा है। (Increasing Inflation) एक महीने में 130 रुपये प्रति सिलेंडर के दाम बढ़े हैं। लगातार आग उगलती महंगाई को लेकर अब गृहणियां खुलकर केन्द्र सरकार को कोसने लगी है। सरसा में 769 रूपये में मिलने वाला सिलेंडर अब 825 रूपये में मिल रहा है। करीब दो माह से घरेलू गैस कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में एक सौ तीस रूपये की भारी बढ़ोतरी कर दी गई है।

 दो माह में सिलेंडर के दाम 130 रुपए तक बढ़े

ऐसे में पहले ही कोरोना महामारी झेल रही जनता का गुस्सा केन्द्र सरकार पर फटने लगा है। ऐसे नाजुक हालात में सरकार को चाहिए कि जनता को महंगाई की मार से बचाने के लिए विशेष कदम उठाए जाए। गैस एजेंसियों के अनुसार इससे पहले हर महीने की पहली तारीख को घरेलू गैस की कीमतों में कमी या फिर बढ़ोतरी की जाती थी। लेकिन अब पता नहीं कब तथा कैसे गैस की कीमतों में फेरबदल हो रहा है। जिससे जनता हैरान और परेशान है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि लगातार बढ़ रही महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

घरेलू सिलेंडर के लगातार दाम बढ़ने से घर का बजट बिगड़ गया है। एक महीने में एक सिलेंडर खत्म होता है। ऊपर से सब्सिडी भी नहीं मिल रही है। सरकार को दाम कम करने चाहिए।
-ममता सोनी

जनवरी महीने में 25 रूपये और फरवरी महीने में सिलेंडर के दाम 100 रूपये तक बढ़े है। इससे मध्यम वर्गीय परिवार की हालात क्या होगी। घरेलू सामान के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं।
ज्योति चुघ, नोहरिया
-बाजार सरसा।

ऐसे सिलेंडर और डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ रहे है तो नौकरीपेशा वालों को भी घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को चाहिए कि इस पर साकारात्मक कदम उठाए जाए।
प्रवीन छाबड़ा।

महामारी के बाद महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। ऐसे दाम बढ़ते रहे तो घर चलाना मुश्किल हो जाएगा। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि महंगाई पर रोकथाम के लिए कोई कदम उठाए।
-बिमला शर्मा, गृहणी कोर्ट कॉलोनी।

दिन प्रतिदिन बढ़ रही महंगाई के कारण एक आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। पहले गरीब व्यक्ति दाल रोटी खाकर अपना गुजारा कर लेता था। आज वही दाल 100 किलो हो गई है। रसोई गैस का सिलेंडर 850 रूपये का, प्याज, टमाटर 50-50 रूपये किलो हो गया है। अगर इसी प्रकार महंगाई की मार पड़ती रही तो गरीब व्यक्ति अपना जीवन यापन कैसे करेगा। सरकार को बढ़ती महंगाई की ओर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
-उर्मिल शर्मा, अध्यापिका ।

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