भुखमरी और खाद्यान की बर्बादी
एक तरफ उसे खाद्यान्न भंडारण क्षमता में पर्याप्त वृद्धि करनी
चाहिए ताकि अन्न की बर्बादी का सिलसिला रुक सके।
स्वच्छता के बिना पूंजीनिर्माण एक अभिशाप
आमजन पीढ़ी दर पीढ़ी ये संस्कार देते थे कि पेड़-पौधों, जीवों, मिट्टी-हवा, पानी को नुक्सान नहीं पहुंचाया जाए।
लॉकडाउन के बाद क्या होगा?
कभी किसी धार्मिक स्थान के लोग इसका कारण बनते हैं, कभी देश में ईधर से उधर हिल-जुलकर रहे प्रवासी मजदूर। अब तो अखबार बांटने वाले हॉकर एवं फूड सप्लाई ब्वॉय भी कोरोना को अंजाने में मदद कर रहे हैं। अत: कोरोना के विरुद्ध रैण्डम जांच व बड़े पैमाने पर जांच बेहद जरूरी हो गई है।


























