बेड़ियों के बीच
लुहार ने सोचा कि जब वह अपनी कुशलता और मेहनत से मजबूत बेड़ी बना सकता है तो वह उसी कुशलता और मेहनत का प्रयोग कर उस बेड़ी से अपने हाथों को मुक्त भी कर सकता है। उसने कुएं में अपना सारा अनुभव, शक्ति और बुद्धि उस बेड़ी को खोलने में लगा दी।
Lal Bahadur Shastri Quotes: लाल बहादुर शास्त्री ने जगाई थी लोगों में देशभक्ति की अलख
Lal Bahadur Shastri Quote...
Mother-in-law donate Kidney: गजब: मौत के मुंह से बहू को बचा लाई सास…ऐसा किया काम आप भी कहने लगेंगे वाह क्या बात है..
Mumbai News: Mother-in- l...
Body Donation: ब्लॉक मौड़ मंडी के करनैल सिंह इन्सां गांव कोटली खुर्द के 8वें शरीरदानी बने
सचखंडवासी के पार्थिव शर...
Russian Cancer Vaccines: खुशखबरी, लो जी आ गई कैंसर की वैक्सीन! अब कैंसर से नहीं होगी मौत, शानदार परिणाम
Russian Cancer Vaccines: ...


























