कहानी 90 साल के नौजवान की, जब बीमारियों से ग्रस्त बुजुर्ग बना राष्ट्रीय चैम्पियन

Ilam Chand Insan
Ilam Chand Insan कहानी 90 साल के नौजवान की, जब बीमारियों से ग्रस्त बुजुर्ग बना राष्टÑीय चैम्पियन

सच कहूँ/सुनील बजाज
सरसा।रुहानी प्रेरणा व दृढ़ विश्वास के साथ मनुष्य हर मंजिल फतेह कर सकता है। यह सिद्ध कर दिखाया है 90 वर्षीय Ilam Chand इन्सां ने। जिन्होंने बुढ़ापा व बिमारियों को मात देते हुए अंतर्राष्टÑीय मैचों में अपना लोहा मनवाया। उत्तर प्रदेश में जन्में डॉ. इल्म चंद इन्सां 16 वर्ष तक स्कूल के प्रिंसिपल की सेवाएं देने के बाद 64 वर्ष की उम्र में वह शुगर और खांसी जैसी बीमारियों के साथ बुरी तरह परेशान हो गए थे। Ilam Chand

सन् 1996 में उन्होंने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से एक मुलाकात के दौरान अपनी शारीरिक परेशानियों के बारे में अर्ज की तो पूज्य गुरु जी ने उन्हें कसरत व योग करने की सलाह दी। Ilam Chand

पूज्य गुरु जी की प्रेरणा के साथ इल्म चंद ने बीमारी व वृद्धावस्था के बावजूद पूरी लग्न व दृढ़ शक्ति के साथ कसरत करनी शुरु कर दी। पूज्य गुरु जी की रहमत से कुछ दिनों में ही वह शारीरिक तौर पर फिट हो गए बल्कि 2002 तक उन्होंने वैटरन खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया और उनके कठोर परिश्रम की बदौलत थोड़े वर्षों में ही पदक बरसने शुरू हो गए। उन्होंने 90 साल की उम्र में भी 60 साल के खिलाड़ियों को मात दी है। Ilam Chand

उन्होंने 2007 में मलेशिया में हुई एशियाई वैटरन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान 800 मीटर में कांस्य पदक और 2015 में चीन में हुई अंतर्राष्टÑीय वैटरन खेलों में पोल वास्ट और ऊंची कूद में क्रमश: रजत व कांस्य पदक जीतकर भारत का परचम लहराया। इसके अलावा इल्म चंद इन्सां ने भारत में पांडूचेरी में वार्षिक अंर्तराष्टÑीय योग चैंपियनशिप में 2015 से 2018 तक लगातार स्वर्ण पदक जीतकर चैंपियन बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। डॉ. इल्म चंद इन्सां की उपलब्धियां उसकी बढ़ती उम्र के साथ-साथ और भी बढ़ती गई। Ilam Chand

एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए वयोवृद्ध एथलीट ईलम चंद इन्सां ने गुड़गांव में रुरल इंडिया स्पोर्ट्स डिवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हुई ओपन नेशनल स्पोर्ट्स चैम्पियनिशप में 4 स्वर्ण पदकों पर कब्जा किया। उन्होंने अपनी जीत का पूरा श्रेय डेरा सच्चा सौदा, सरसा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं और रहमत को दिया। 90 वर्षीय बुजुर्ग एथलीट ने 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खेलते हुए पोल वोल्ट, लॉन्ग जम्प व हाई जंप में स्वर्ण पदक और योगा में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा व गाँव शाह सतनाम जी पुरा का नाम रोशन किया। बता दें कि यह प्रतियोगिता गुड़गांव के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 25 से 28 मई 2023 तक खेली गई, जिसमें 10 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने अपने जौहर दिखाए।

चेन्नई में दो स्वर्ण पदकों सहित जीते चार पदक | Ilam Chand

वयोवृद्ध एथलीट डॉ. इल्म चंद इन्सां ने मॉस्टर्स एथलेटिक्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एमएएफआई) के तत्वाधान में 27 अप्रैल से 01 मई 2022 तक जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, चेन्नई (तमिलनाडू) में खेली गई 42वीं नेशनल मॉस्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में दो स्वर्णों सहित चार पदकों पर कब्जा किया। हरियाणा की ओर से 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खेलते हुएडॉ. इल्म चंद इन्सांं ने 42वीं नेशनल मॉस्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पोल वोल्ट में स्वर्ण, 400 मी. रिले रेस में स्वर्ण, ट्रिपल जंप में कांस्य और 100 मी. रिले रेस में भी कांस्य पदक जीतकर प्रदेश व गांव शाह सतनाम जी पुरा का नाम रोशन किया। विजेता खिलाड़ी को टी-शर्ट, लोयर-अप्पर, कैप, ट्रैक सूट, 2000 रुपए की नगद राशि पुरस्कार के तौर दी गई।

चेन्नई, पलवल, कोलकाता, वड़ोदरा में 5 स्वर्ण पदकों सहित जीते 8 पदक | Ilam Chand

रुहानी प्रेरणा व दृढ़ विश्वास के साथ मनुष्य हर मंजिल फतेह कर सकता है। यह सिद्ध कर दिखाया है 90 वर्षीय इल्म चंद इन्सां ने। जिन्होंने बुढ़ापा व बिमारियों को मात देते हुए अंतर्राष्टÑीय मैचों में अपना लोहा मनवाया। उत्तर प्रदेश में जन्में डॉ. इल्म चंद इन्सां 16 वर्ष तक स्कूल के प्रिंसिपल की सेवाएं देने के बाद 64 वर्ष की उम्र में वह शुगर और खांसी जैसी बीमारियों के साथ बुरी तरह परेशान हो गए थे। सन् 1996 में उन्होंने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से एक मुलाकात के दौरान अपनी शारीरिक परेशानियों के बारे में अर्ज की तो पूज्य गुरु जी ने उन्हें कसरत व योग करने की सलाह दी।

पूज्य गुरु जी की प्रेरणा के साथ इल्म चंद ने बीमारी व वृद्धावस्था के बावजूद पूरी लग्न व दृढ़ शक्ति के साथ कसरत करनी शुरु कर दी। पूज्य गुरु जी की रहमत से कुछ दिनों में ही वह शारीरिक तौर पर फिट हो गए बल्कि 2002 तक उन्होंने वैटरन खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया और उनके कठोर परिश्रम की बदौलत थोड़े वर्षों में ही पदक बरसने शुरू हो गए। उन्होंने 90 साल की उम्र में भी 60 साल के खिलाड़ियों को मात दी है।

उन्होंने 2007 में मलेशिया में हुई एशियाई वैटरन एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान 800 मीटर में कांस्य पदक और 2015 में चीन में हुई अंतर्राष्टÑीय वैटरन खेलों में पोल वास्ट और ऊंची कूद में क्रमश: रजत व कांस्य पदक जीतकर भारत का परचम लहराया। इसके अलावा इल्म चंद इन्सां ने भारत में पांडूचेरी में वार्षिक अंर्तराष्टÑीय योग चैंपियनशिप में 2015 से 2018 तक लगातार स्वर्ण पदक जीतकर चैंपियन बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। डॉ. इल्म चंद इन्सां की उपलब्धियां उसकी बढ़ती उम्र के साथ-साथ और भी बढ़ती गई।

एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए वयोवृद्ध एथलीट ईलम चंद इन्सां ने गुड़गांव में रुरल इंडिया स्पोर्ट्स डिवलपमेंट प्रोग्राम के तहत हुई ओपन नेशनल स्पोर्ट्स चैम्पियनिशप में 4 स्वर्ण पदकों पर कब्जा किया। उन्होंने अपनी जीत का पूरा श्रेय डेरा सच्चा सौदा, सरसा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं और रहमत को दिया। 90 वर्षीय बुजुर्ग एथलीट ने 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में खेलते हुए पोल वोल्ट, लॉन्ग जम्प व हाई जंप में स्वर्ण पदक और योगा में 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा व गाँव शाह सतनाम जी पुरा का नाम रोशन किया। बता दें कि यह प्रतियोगिता गुड़गांव के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में 25 से 28 मई 2023 तक खेली गई, जिसमें 10 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने अपने जौहर दिखाए।

जीत चुके हैं 450 से ज्यादा पद उपराष्टÑपति से हो चुके हैं सम्मानित | Ilam Chand

वयोवृद्ध एथलीट इल्म चंद इन्सां अब तक वह 450 से भी अधिक पदक जीत चुके हैं जिसमें 100 के लगभग अंतर्राष्टÑीय, 200 के करीब राष्टÑीय तथा अन्य जिला, ग्रामीण स्तर पर पदक अपने नाम कर चुके हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा लाइफ अचीवमेंट अवार्ड तत्कालिन महामहिम उप राष्टÑपति वैंकेया नायडू स्पोर्ट्समैन एडवेंचर में वयोवृद्ध सम्मान से पुरस्कृत हैं। ये भी बता दें कि पिछले दिनों यूपी में राष्टÑीय जाट महासभा, सीनियर सिटीजन एसोसिएशन, समन्त सम्राट सलक्षणपाल देव तोमर ट्रस्ट और कोषागार बागपत (यूपी) की ओर से सम्मानित किया गया था।