प्रतिबंध हटाने की रखी शर्त | Nuclear Deal
तेहरान (एजेंसी)। ईरान (Iran) ने कहा कि अब वह 2015 के परमाणु समझौते (Nuclear Deal) का पालन नहीं करेगा। उसने शर्त रखी है कि पहले उसके ऊपर लगे प्रतिबंध हटाए जाएं, तभी वह सोचेगा। इराना संवाद समिति ने सरकारी बयान के हवाले यह जानकारी दी। अमेरिका की ओर से बगदाद हवाई अड्डे के पास ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे से दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। बयान के अनुसार ईरान ने कहा कि वह अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हटने के पांचवें चरण में परमाणु समझौते को छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपनी उच्च तकनीकी की जरुरत है।ईरान ने कहा है कि अगर प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं तो वह अपनी परमाणु प्रतिबद्धताओं का फिर से पालन करेगा।
अमेरिका को कड़ा सबक सिखाने की धमकी | Nuclear Deal
- बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी और ईरान समर्थित संगठन शिया पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स के उप प्रमुख मारे गए थे।
- ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस हमले का ‘कड़ा प्रतिशोध’ लेने का संकल्प लिया है।
- ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी कहा है कि अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
ईरान-अमेरिका में तलवारें खिंचने की प्रमुख वजहें
- 1953 तख्तापलट : इस साल दोनों की दुश्मनी की शुरूआत हुई। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ईरान में तख्तापलट करवाया। निर्वाचित प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसाद्दिक को हटाकर ईरान के शाह रजा पहलवी के हाथ में सत्ता दे दी गई। इसका प्रमुख कारण था-तेल। मोसाद्दिक तेल के उद्योग का राष्ट्रीयकरण करना चाहते थे।
- 1979 ईरानी क्रांति : ईरान में आयतोल्लाह रुहोल्लाह खुमैनी नए नेता के रूप में उभरे थे। वे पाश्चात्यकरण और अमेरिका पर ईरान की निर्भरता के विरुद्ध थे। शाह पहलवी उनके निशाने पर थे। खुमैनी के नेतृत्व में ईरान में असंतोष बढ़ने लगा। इस बीच शाह को ईरान छोड़ना पड़ा। एक फरवरी 1979 को खुमैनी निर्वासन से लौट आए।
- 1979-81 दूतावास संकट : इस वक्त में ईरान-अमेरिका के राजनयिक संबंध समाप्त हो गए थे। तेहरान में ईरानी छात्रों ने अमेरिकी दूतावास को अपने कब्जे में ले लिया। 52 अमेरिकी नागरिकों को 444 दिनों तक बंधक बनाए रखा। 2012 में इस विषय पर हॉलीवुड फिल्म-आर्गो आई। इसी बीच इराक ने अमेरिका की मदद से ईरान पर हमला बोल दिया। युद्ध 8 साल चला।
- 2015 परमाणु समझौता : जब ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो दोनों देशों के रिश्ते सुधरने लगे थे। ईरान के साथ परमाणु समझौता हुआ। जिसमें ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने की बात कही। बदले में आर्थिक प्रतिबंधों में थोड़ी ढील दी गई। लेकिन ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही समझौता रद्द कर दिया गया। दुश्मनी फिर शुरू हो गई।
अब तक क्या असर हुआ?
- बगदाद में अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों से तत्काल इराक छोड़ देने को कहा है।
- ब्रिटेन ने मिडिल ईस्ट में अपने सैन्य अड्डों की सुरक्षा भी बढ़ा दी।
- क्रूड के दाम 4 प्रतिशत बढ़ गए हैं।
सैन्य क्षमता से आंके दोनों की ताकत
अमेरिकी ईरानी ताकत
- सैन्य क्षमता 12.81 लाख 5.23 लाख
- थल शक्ति (टैंक, व्हीकल्स, तोपें) 48422 8577
- जल शक्ति (जहॉज, पनडब्बियां आदि) 415 398
- वायु शक्ति (एयर क्रॉफ्ट, हेलीकॉप्टर्स) 10170 512
- मिसाइलें 07 12
- रक्षा बजट 716 बिलियन डॉलर 6.3 बिलियन डॉलर
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