विडंबना। 10 दिन पहले हुआ रजिस्ट्रेशन, अब तक भेजने को नहीं बुलाया

Migrant Irony

सैकड़ों प्रवासी घर जाने की जिद पर अड़े

(Migrant Irony)

  • विरोध करते हुए किरोड़ीमल पार्क में बैठे

भिवानी (सच कहूँ/इन्द्रवेश दुहन)। कोरोना के कहर के चलते दुनिया भर में लॉकडाउन के चलते आमजन से कहीं ज्यादा प्रवासी लोगों पर मार पड़ी है। ऐसे ही कुछ प्रवासी मजदूर भिवानी में घर जाने की जिद करते हुए किरोड़ीमल पार्क में पहुंचे और कहा कि भूखे मरने से बेहतर है पैदल घर को निकलें। बता दें कि भिवानी से कई ट्रेन व बसें बिहार व यूपी के लिए जा चुकी हैं लेकिन मेडिकल व रजिस्ट्रेशन होने पर भी इनका नंबर नहीं आया।

कोरोना महामारी के चलते ये सभी प्रवासी अपने घर जाना चाहते हैं

हर साल की तरह इस साल भी हजारों की संख्या में भिवानी प्रवासी मजदूर आए थे। इनमें ज्यादातर वो मजदूर हैं, जो गेहूं व सरसों की कटाई करने हर साल आते हैं। बहुत से मजदूर यहां सालों के छोटे बड़े उद्योग, र्इंट भट्ठों व दुकानों पर काम करते हैं। लेकिन कोरोना महामारी के चलते ये सभी प्रवासी अपने घर जाना चाहते हैं। (Migrant Irony) गृह मंत्रालय के निर्देश पर सरकार इन्हें घर भेजने के लिए ट्रेन व बसें चला रही है और फ्री में इन्हें घर भेजा भी जा रहा है, लेकिन अभी भी बहुत से प्रवासी यहीं फंसे हुए हैं और बार-बार घर जाने की जिद कर रहे हैं। ऐसे ही 150-200 लोग बुधवार को किरोड़ीमल पार्क में पहुंचे और घर जाने की जिद करते रहे।

  • प्रशासन का कोई अधिकारी घंटों तक यहां नहीं पहुंचा।
  • सर्व कर्मचारी संघ के नेता सुखदर्शन यहां पहुंचे और प्रशासन से इन प्रवासियों को घर भेजने की गुहार लगाई।
  • ये प्रवासी अपने घर जाएंगे तो ये लोग भी और शहर के लोगों को भी राहत मिलेगी।

वहीं प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वो काम के लिए यहां आए थे, लेकिन काम धंधे सब बंद हैं। खेतीबाड़ी के काम भी खत्म हो चुके हैं। ऐसे में जो कमाया था लॉकडाउन में खाने-पीने व किराये में खत्म हो गया। अब यहां भूखे मरने से बेहतर है, पैदल अपने घर चले जाएं। उन्होंने कहा कि 10 दिन पहले हमारा रजिस्ट्रेशन हो चुका है। मैडिकल हो चुका है। बिहार व यूपी कई ट्रेन व बसें जा चुकी हैं। हम स्थानीय नेताओं व अधिकारियों से मिले। लेकिन घर भेजने के लिए कोई नहीं मानता। हमें ऐसे ही लावारिस छोड़ दिया है।

  • निश्चित तौर पर जहां लोग लॉकडाउन में अपने घरों में सुरक्षित हैं।
  • वहीं ये प्रवासी आज भी इस महामारी में दर-दर भटक रहे हैं।
  • प्रशासन की तरफ से भिवानी व दादरी जिला के प्रवासियों के लिए 3 दिन ट्रेन चली हैं।
  • दर्जनों बसें यूपी बिहार व एमपी गई हैं।
  • पर इनकी संख्या के हिसाब से अभी इन्हे घर भेजने के प्रबंध काफी कम हैं।
  • जिससे रोज ऐसे नजारे व नाजागी सामने आ रही हैं।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।