मलिकपुरा की बेटियां अब ई-वैन से दूसरे गांव जाएंगी पढ़ने

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ई-वैन को रवाना करते सरपंच प्रतिनिधि अवतार सिंह व अन्य।

सराहनीय: चुनाव से पूर्व किए वायदे पर खरी उतरी सरपंच अर्शदीप सरां, बोली- शिक्षा व खेलों के क्षेत्र में नहीं आने देंगे कोई परेशानी | Sirsa News

  • गांव के सरकारी स्कूल में अतिरिक्त स्टाफ का किया प्रबंध

ओढां (सच कहूँ/राजू)। गांव मलिकपुरा (Malikpura) में शिक्षा के लिए मजबूरन दूसरे गांव में जाने वाली लड़कियों के लिए ग्राम पंचायत ने सराहनीय कदम उठाया है। कभी वाहन के इंतजार में खड़े रहने वाली बेटियों को बुधवार को उस समय हर्ष हुआ जब ग्राम पंचायत ने उनके लिए वाहन की स्थाई व्यवस्था कर दी। सरपंच अर्शदीप सरां ने वाहन की चाबी न केवल बेटियों को सौंपी बल्कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर पाठ भी पढ़ाया। Sirsa News

हर्षित छात्राओं व अभिभावकों ने पंचायत का आभार व्यक्त किया। दरअसल गांव मलिकपुरा में मात्र 10वीं तक का ही सरकारी स्कूल है। ऐसे में गांव के विद्यार्थियों को 11वीं व 12वीं की शिक्षा के लिए 4 किलोमीटर दूर स्थित गांव मिठड़ी के स्कूल में जाना पड़ता है। लड़के तो अपने वाहनों एवं अपने दोस्तों के साथ जैसे-तैसे चले जाते थे, लेकिन लड़कियों की काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। लड़कियां मजबूरन या तो पैदल या फिर साइकिल या फिर आने-जाने वाले वाहनों पर सवार होकर स्कूल जाती थीं।

ग्राम सरपंच अर्शदीप कौर सरां ने चुनाव के दौरान ये वादा किया था कि वे सरपंच बनने के बाद इस समस्या का समाधान जरूर करवाएंगी। सरपंच ने बुधवार को अपना वादा पूरा करते हुए बेटियों के लिए स्कूल जाने हेतु वाहन का स्थाई बंदोबस्त कर दिया। बेटियों को ई-वैन में स्कूल रवाना करने से पहले सरपंच प्रतिनिधि अवतार सिंह सरां ने उन्हें सुरक्षा का भी पाठ पढ़ाया और कहा कि अगर स्कूल आते-जाते समय वे असुरक्षित महसूस करती हैं तो तुरंत डायल 112 पुलिस सेवा को सूचना दें।

ये कदम उठाकर जीत लिया लोगों का दिल | Sirsa News

ग्राम सरपंच ने बेटियों के लिए गांव के 10वीं तक के स्कूल में अस्थाई तौर पर शिक्षकों का भी प्रबंध कर गांव के लोगों का दिल जीत लिया। पूर्ववर्ती पंचायत ने 2 अस्थाई अध्यापकों को तैनात किया था। इन अध्यापकों की सैलरी के लिए विद्यार्थियों से पैसे इकट्ठे किए जाते थे। लेकिन मौजूदा सरपंच अर्शदीप कौर सरां ने अपने निजी कोष से दोनों अध्यापकों को न केवल 6 माह का वेतन दिया, बल्कि पंचायत समिति से मिलकर दोनों अध्यापकों को पंचायत फंड से वेतन मिलना सुनिश्चित करवाया। इसके अलावा एक और अस्थाई अध्यापक की भी नियुक्ति की गई। यही कारण रहा कि वर्ष 2022-23 का स्कूल का परीक्षा परिणाम पूरे जिला में अव्वल रहा। ग्राम पंचायत ने खेलों के लिए भी कदम उठाते हुए गांव के लड़के-लड़कियों को खेल सामग्री मुहैया करवाई है।

वाहन में सवार बेटियां बोलीं : थैंक्यू

गांव की 16 बेटियां मिठड़ी के स्कूल में पढ़ने जाती हैं। बुधवार को सरपंच ने बेटियों के लिए ई-वैन का प्रबंध किया। उन्होंने अभिभावकों के बीच बेटियों को वाहन की चाबी सौंपी। इस मौके पर मौजूद अभिभावक राजेन्द्र सिंह, रेशम सिंह, जोगिंद्र सिंह व काका सिंह आदि ने कहा कि ग्राम सरपंच ने बेटियों के लिए अति सराहनीय कदम उठाकर न केवल उनकी चिंता को कम किया, बल्कि बेटी पढ़ाओ का भी सराहनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। बेटियां ई-वैन पर सवार होकर मिठड़ी के स्कूल के लिए निकलीं तो उन्होंने एक स्वर में ग्राम सरपंच को थैंक्यू कहा। Sirsa News

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