Uttarkashi Tunnel Collapse: क्या होगा टनल में फंसे 40 मजदूरों का? बचाव कार्य में तेजी!

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Uttarkashi Tunnel Collapse : उत्तरकाशी। जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच एक निमार्णाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से 40 मजदूरों के फंस जाने के बाद सुरक्षा बलों के जवानों ने बचाव कार्य में तेजी ला दी है। आज बचाव कार्य का पांचवा दिन है। Uttarakhand News

एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के प्रयास गुरुवार को तेज कर दिए गए, जिसके लिए दिल्ली से मंगाई गई एक नई भारी ड्रिलिंग मशीन लगाई गई है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, राहत एवं बचाव अभियान की देखरेख कर रहे कर्नल दीपक पाटिल ने कहा कि अमेरिका में बनी ‘जैक एंड पुश अर्थ ऑगर’ मशीन काफी उन्नत किस्म की मशीन है। इस अमेरिकी ‘बरमा’ मशीन की प्रवेश दर 4-5 मीटर प्रति घंटा है।

फंसे हुए लोग स्वस्थ और ठीक हैं, उन्हें जल्द ही बचा लिया जाएगा

उल्लेखनीय है कि महत्वाकांक्षी चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना की सुरंग का एक हिस्सा रविवार को ढह गया। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) जीएल नाथ ने कहा कि अंदर फंसे मजदूरों को जल्द ही बचा लिया जाएगा। कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की देखरेख में सिल्कयारा से बरकोट तक सुरंग के निर्माण के लिए जिम्मेदार है। जीएल नाथ ने कहा कि भारी ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है जिससे बचाव अभियान फिर से तेजी से शुरू होगा। फंसे हुए लोग स्वस्थ और ठीक हैं, और उन्हें जल्द ही बचा लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि हर आधे घंटे में उन्हें खाना मुहैया कराने के लिए पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है। Uttarakhand News

भारी ड्रिलिंग मशीन को तीन आईएएफ विमानों द्वारा दिल्ली से एयरलिफ्ट किया गया

पहले इस्तेमाल किए जा रहे ‘‘असफल’’ उपकरण को बदलने के लिए भारी ड्रिलिंग मशीन को बुधवार को तीन आईएएफ परिवहन विमानों द्वारा दिल्ली से एयरलिफ्ट किया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुरंग के अंदर मलबे के माध्यम से छेद करने के लिए ‘अमेरिकन ऑगर’ मशीन का उपयोग करने और स्टील पाइप के 800 मिमी और 900 मिमी व्यास वाले खंड डालने की योजना है, जिसके माध्यम से फंसे हुए श्रमिक बाहर निकल सकें। यह भी कहा गया कि पहली मशीन बहुत धीमी थी, जिससे तकनीकी समस्याएँ विकसित हुई। इसके अलावा, मंगलवार को सुरंग के अंदर मलबा गिरने से मशीन भी क्षतिग्रस्त हो गई और दो बचावकर्मी घायल हो गए। नई मशीन फंसे हुए मजदूरों के लिए बाहर निकलने का रास्ता तैयार करने की प्रक्रिया को तेज कर देगी। Uttarakhand News

अधिकारियों ने बताया कि मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें पाइप के जरिए आॅक्सीजन, दवाएं, खाद्य सामग्री और पानी की आपूर्ति की जा रही है। आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा जारी फंसे हुए श्रमिकों की सूची के अनुसार, 15 झारखंड से, 8 उत्तर प्रदेश, 5 ओडिशा, 4 बिहार, 3 पश्चिम बंगाल से, 2-2 उत्तराखंड और असम से तथा एक हिमाचल प्रदेश से है। Uttarakhand News

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