मनमोहन इन्सां ने लौटा दी अंजान जिन्दगी

  • इंद्री-करनाल रोड पर देर रात बेसुध मिला व्यक्ति, फरिश्ता बना डेरा श्रद्धालु

  • बाइक से कल्पना चावला हॉस्पिटल पहुंचाकर करवाया भर्ती

करनाल। (सच कहूँ/विजय शर्मा) डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपने शिष्यों में इंसानियत व मानवता की शिक्षा इस कदर कूट-कूट कर भरी है कि वे मद्द की पुकार सुनते ही दर्द बांटने पहुंच जाते हैं। ऐसी करोड़ों मिशालें है जो इस स्वार्थी भर में युग में भी डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी रोजाना दे रहे हैं। ऐसी ही इंसानियत की मिशाल पेश की है जिला करनाल के ब्लॉक इन्द्री के भंगीदास मनमोहन इन्सां ने जिन्होंने सड़क पर बेसुध पड़े एक अंजान व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाकर उसकी जिन्दगी ही नहीं बचाई बल्कि एक परिवार की खुशियों को भी लौटा दिया। सच कहूँ संवाददाता से बातचीत में ब्लॉक भंगीदास मनमोहन इन्सां ने बताया कि व गत देर रात अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहे थे तो उन्होेंने देखा कि रम्बा गांव में इंद्री-करनाल रोड पर एक अजनबीव्यक्ति अंधेरे में सड़क पर बेसुध पड़ा हुआ था। उन्होंने तुरंत बाइक रोकी और उस व्यक्ति से बात करने की कोशिश की लेकिन वो कुछ भी सुनने या देखने की स्थिति में नहीं था। जिसके बाद उन्होंने किसी तरह से उसे स्वयं उठाकर बाइक पर बिठाया और कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में भर्ती करवाया।

गले में इन्सां का लॉकेट देखकर डॉक्टर बोले, धन्य हैं आपके गुरु जी

मनमोहन इन्सां ने बताया कि डॉक्टर ने व्यक्ति को भर्ती कर उपचार शुरू किया। उन्होंने कहा कि आप चिंता मत करो, व्यक्ति ठीक हो जाएगा। आपने एक अनजान घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचकर इंसानियत का काम किया है। डॉक्टर ने जब मेरे गले में इन्सांह् का लॉकेट देखा तो उन्होंने कहा कि आपके गुरु जीह् जी धन्य हैं। पूज्य गुरु जी के मानवता भलाई के काम और उनकी शिक्षाएं सच में सराहनीय है।

पूज्य गुरु जी ने हमें शिक्षा दी है कि किसी के दु:ख, दर्द में काम आना ही सच्ची इंसानियत है। बस पूज्य गुरु जी के इन्हीं वचनों का अनुसरण करते हुए ही मैंने मद्द को हाथ बढ़ाया। मुझे गर्व अपने सतगुरु जी पर जो उनकी शिक्षा की बदौलत मैं किसी के काम आ सका।
-मनमोहन इन्सां, ब्लॉक भंगीदास, इन्द्री।

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