धनतेरस के स्वागत के लिए सजा बाजार, अब खरीदारों का इंतजार

Markets adorned on Dhanteras, merchants' faces blossomed

बर्तन बाजार में इस बार दिख रहा महंगाई का असर

हनुमानगढ़। दीपोत्सव की शुरुआत शनिवार शाम को धन त्रयोदशी (धनतेरस) के साथ होगी। इस बार त्रयोदशी का मान दो दिन है। इसलिए रविवार को भी धनतेरस की खरीदारी के लिए शुभ माना गया है। इसी दिन शाम में छोटी दीपावली तो सोमवार को बड़ी दीपावली मनाई जाएगी। मंगलवार को सूर्यग्रहण लगेगा। धनतेरस पर इसबार ग्रह गोचरों का संयोग भी काफी अच्छा है। दुकानदारों ने भी इस बेहतर मौके को भुनाने की पूरी तैयारी कर रखी है। बाजार सज-धज कर तैयार हैं। बर्तन की दुकानें हों या इलेट्रॉनिक बाजार हर तरफ धनतेरस के आगमन का नजारा साफ दिख रहा है। सोने-चांदी व रत्नों की दुकानों को काफी आकर्षक तरीके से सजाया-संवारा गया है। अमूमन हर कोई इस शुभ दिन पर कुछ न कुछ खरीदारी करना पसंद करते हैं। कई दुकानों में खरीदारी पर विशेष छूट देने की भी तैयारी है। बर्तन बाजार में इस बार महंगाई का असर भी दिख रहा है। बर्तनों के दाम 10 से 12 फीसद तक बढ़ गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स की बात करें तो इस बार टीवी में एलईडी की जगह क्यूएलईडी की डिमांड सबसे ज्यादा है। धनतेरस पर टीवी के साथ वाशिंग मशीन की मांग ज्यादा है। बाइक बाजार की रौनक भी खूब है। नए मॉडल की बाइक को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं। शुक्रवार को भी दिन भर बाजार में ग्राहकों का आना-जाना बना रहा। ज्वेलरी के साथ वाहनों की भी बुकिंग होती रही। धनतेरस पर बाजार में खरीदारों की उमडऩे वाली भीड़ को लेकर पुलिस की ओर से यातायात व्यवस्था को लेकर भी तैयारियां की गई हैं। ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि धनतेरस पर धातु के बने सामान खरीदने की परंपरा है। खासकर चांदी, सोना, तांबा, पीतल, बर्तन आदि की खरीदारी अधिक फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गई संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि हो जाती है। खास यह कि इसबार शनि प्रदोष रहने से अमृत योग का निर्माण हो रहा है। धनतेरस के दिन रत्न, बही-खाते, तिजोरी, आलमारी, सुहाग व घरेलू उपयोग के सामान, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, बर्तन, जमीन, फ्लैट सहित सभी तरह की खरीदारी को शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन रत्नों की सिद्धि भी की जाती है। इसलिए रत्नों की खरीद लाभदायक होता है।

धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद

दिवाली हिंदूओं का सबसे बड़ा त्योहार माना गया है। दिवाली 5 दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व होता है। धनतेरस से दिवाली महापर्व प्रारंभ हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। धनतेरस पर सोना-चांदी, आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। धनतेरस पर खरीदी गई चीजों में तेरह गुने की वृद्धि होती है, ऐसी पौराणिक मान्यताएं हैं। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन घरों में दीए जलाएं जाते हैं। इस बार दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद बना हुआ है कि धनतेरस 22 या 23 अक्टूबर किस दिन मनाया जाए। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस साल कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 2 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और अगले दिन यानी 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट पर खत्म हो जाएगी। फिर चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। ऐसे में इस बार त्रयोदशी का मान दो दिन है। यानि शनिवार शाम 6 बजे से रविवार शाम तक खरीदारी का शुभ योग है।

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