गांव कमाना में बंदरों ने ग्रामीणों का जीना किया दुश्वार

Monkeys made life difficult sachkahoon

आते-जाते लोगों पर हमला कर घायल कर रहे

सच कहूँ/तरसेम सैनी,शामबीर, रतिया। गांव कमाना में गांववासी काफी लंबे समय से बंदरों के आतंक से परेशान हैं। गत दिवस बंदरों ने कई लोगों पर हमला कर उन्हें बुरी तरह जख्मी कर दिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लोगों ने बीडीपीओं व वन विभाग से बंदरों के आतंक से निजात दिलाए जाने की मांग की है। कस्बे में लंबे समय से बंदरों का आंतक बना हुआ है। एक तरफ जहां बंदर घर में काम कर रही महिलाओं का सामान इत्यादि उठा ले जाते हैं। वहीं कई बार यह आते-जाते लोगों पर हमला भी बोल देते हैं। शनिवार को गुरपाल सिंह पाली की पत्नी अपने घर में कार्य कर रहा थी तभी बंदर ने महिला पर हमला बोल दिया। इससे वह बुरी तरह से जख्मी हो गई। इसके बाद बंदर ने बलजीत कौर पत्नी भोला सिंह,मनजीत कौर पुत्री अमर सिंह पर भी जानलेवा हमला बोल दिया। उन्होंनें किसी तरह अपनी जान बचाई। इसी तरह कई अन्य लोगों पर भी बंदरो ने हमला कर घायल कर दिया।

वन विभाग से लगाई बंदरों से निजात दिलाने की गुहार

स्थानीय निवासी गुरपाल सिंह, जसवीर सिंह, बलजिन्द्र सिंह, काला सिंह, प्यारे लाल, रोशन लाल, संदीप, कर्ण सिंह, जगपाल टेर्ल्ज आदि ने वन विभाग, बीडीपीओ से गांव को बंदरों से निजात दिलाने की मांग उठाई। इन दिनों लोग उपद्रवी बंदरों की दहशत खौफ जदा है। उपद्रवी बंदरों के खौफ से बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। हालात यह है कि सिर्फ कमाना में ही बंदर कुछ ही दिनों में काफी ज्यादा लोगों पर हमला कर जख्मी कर चुके हैं। बंदरों के अचानक हमले और काटने से गंभीर घायल कई बच्चे और महिलाएं अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं।

घरों में करते हैं तोडफोड

बंदरों ने गत सप्ताह कई महिलाओं को अपना निशाना बनाया व घरों में भी जमकर उत्पात मचाया। वही गांव की महिलाओं को कहना है कि अक्सर जब बह घर अकेली होती है तो बन्दर उन पर हमला करते है घरों में रखा काफी सामान भी तोड़ जाते है। इसी तरह से गांव में बंदरों द्वारा फैलाई दहशत और उत्पात ने गांववासियों की परेशानी बढ़ा दी है। बंदरों के उत्पात के कारण लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। अक्सर बन्दर हाथ से सामान छिनकर फूरर हो जाते हैं।

Monkeys made life difficult sachkahoon

क्या कहते हैं गांव के किसान

किसान पिृतपाल सिंह का कहना कि बंदर घर कि छतों पर सुखाए गए कपड़ों को फाड़ देते हैं। घरों में रखे फ्रिज से सामान नहीं छोड़ते। बंदरों से छुटकारा पाने को लेकर प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इन्हें पकड़ा जाये तांकि गांव वासी चैन की सांस ले सके ।

‘‘गांव के गुरपाल सिंह पाली का कहना है कि बंदरों का उत्पात गांव की गलियों में भी देखा जा रहा है। जब कोई व्यक्ति सामान की थैली लेकर जा रहा होता है तो ये बंदर थैली छीन लेते हैं। कई बार बंदर गांव के किसी मकान की छत पर पहुंच जाते हैं और जब उन्हें भगाया जाता है तब वह काट खाते हैं।

क्या कहते हैं गांव के सरपंच प्रतिनिधि

जब इस बारे में गांव कमाना के सरपंच प्रतिनिधि गुरमीत सिंह खोखर से बात की तो उन्होंने बताया कि गांव में बन्दर ने कई दिनों से उत्पाद मचा रखा है जिसको लेकर कुछ दिन पहले गांव वासी भी इस समस्या को लेकर माननीय जिला उपायक्त को भी लिखित शिकायत देकर आये हे व जल्द ही उच्चाधिकारीयों से मिलकर गांववासियों को इस समस्या से निजात दिलवाई जायेगी।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।