तेरे दर्श दा ही है शोंक सानु, इक वार तू देने दीदार आजा…

पावन ‘एमएसजी माह’ की खुशियों से महका ट्रेड टॉवर, साध-संगत में दिखा भारी उत्साह

  • पूज्य गुरु जी की डेप्थ मुहिम को लेकर सरसा ब्लॉक के सेवादार हर गांव-गली, मोहल्ले में देंगे दस्तक

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सच्चे दाता रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का पवित्र ‘एमएसजी माह’ रविवार शाम सरसा ब्लॉक की साध-संगत ने शहर के बीचों-बीच स्थित ट्रेड टॉवर मार्केट में धूम-धाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया। ‘एमएसजी माह’ की खुशी में आयोजित स्पेशल ब्लॉक स्तरीय नामचर्चा में ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले विभिन्न गांवों से सैकड़ों की संख्या में साध-संगत ने भाग लिया। नामचर्चा के दौरान साध-संगत ने जहां पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर आगे बढ़ते हुए 156 मानवता भलाई कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने का संकल्प लिया। वहीं पूज्य गुरु जी द्वारा नशा मुक्त समाज की संरचना को लेकर चलाई जा रही डेप्थ मुहिम यानी ध्यान, योग और स्वास्थ्य द्वारा अखिल भारतीय नशा मुक्ति अभियान के तहत अपने-अपने गांव, शहर व मौहल्लों में लोगों का अधिक से अधिक नशा छुड़ाने की साध-संगत को शपथ दिलाई गई।

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तो साध-संगत ने भी अपने दोनों हाथ उठाकर इस महायज्ञ में अपनी आहुति डालने की हामी भरी। ब्लॉक स्तरीय नामचर्चा की शुरूआत ब्लॉक प्रेमी सेवक कस्तूर सोनी इन्सां ने ‘धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का इलाही नारा बोलकर की। इसके पश्चात अरदास का शब्द बोला गया। अंत मेंं संदीप चुघ इन्सां ने पवित्र ग्रंथ में महापुरुषों द्वारा रचित वाणी पढ़ी गई, जिसे साध-संगत ने ध्यानपूर्वक सुना। बाद में प्रसाद बांटकर नामचर्चा का समापन किया गया। इस मौके पर ब्लॉक के सभी 15 मैंबर जिम्मेवार, सभी समितियों के बहन-भाई व बड़ी तादाद में साध-संगत मौजूद रही।

भजनों व कव्वालियों को सुन निहाल हुई साध-संगत

नामचर्चा में कविराजों ने भजनों व कव्वालियों के माध्यम से नामचर्चा पंडाल का माहौल भक्तिमय बना दिया। कविराजों द्वारा बोले गए भजन ‘सारी दुनिया एक पासे, मेरा सतगुरु प्यारा एक पासे…’, ‘सतगुरु के गुण गा ले बंदे-तेरा जन्म मरण मुक जायेगा…’, ‘साडे ऊपर जो कित्ते उपकार पिता शाह सतनाम जी…’, ‘तेरे दर्श दा ही है शोंक सानु, इक वार तू देने दीदार आजा अस्सी प्यासे तेरी दीद…’ आदि भजन बोलकर साध-संगत को निहाल किया।

पूज्य गुरु जी के भजनों का जादू हर वर्ग पर देखने को मिला

नामचर्चा के अंतिम पड़ाव में पूज्य गुरु जी द्वारा देशभक्ति व नशा के खिलाफ गाया भजन ‘मेरे देश की जवानी’ व ‘जागो दुनिया दे लोको’ चलाया गया। जिसका जादू हर वर्ग पर देखने को मिला तथा बच्चे, बुजुर्ग, युवा व महिलाएं इन गीतों पर थिरकती नजर आई। वहीं मुख्य स्टेज के समीप बनाई गई सुंदर डेकोरेशन सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। वहीं नामचर्चा में आने वाली साध-संगत के लिए मौसम को देखते हुए पीने के पानी का विशेष प्रबंध किया गया था।
फोटो: सरसा01,02- नामचर्चा में शब्द बोलते कविराज व डेप्थ मुहिम के तहत नशा छुड़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का संकल्प लेती साध-संगत।

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