नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। चीन में कोरोना (Coronavirus) से हालात बदतर हो गए है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के सक्रिय मामलों में वृद्धि हुई है, जिससे अब इनकी संख्या बढ़कर 3,468 हो गयी है और सक्रिय मामलों की दर 0.1 प्रतिशत है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि सुबह सात बजे तक 220.07 करोड़ से अधिक टीके दिये जा चुके हैं। मंत्रालय ने बताया कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से 141 लोग मुक्त हुए हैं, जिससे इस महामारी से अब तक निजात पाने वालों की कुल संख्या बढ़कर 4,41,43,483 हो गयी है और देश में स्वस्थ होने की दर 98.80 प्रतिशत है। वहीं कोरोना की नई लहर पर एक्सपर्ट ने बताया कि हो सकता है कि 40 दिन में नई लहर का सामना करना पड़ सकता है।
भारत पर नहीं होगा असर
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला। क्योंकि भारत की अधिकतर आबादी की डबल इम्यूनिटी का होना है।
ट्यूनीशिया में जनवरी में आ सकती कोविड लहर: स्वास्थ्य अधिकारी | Coronavirus
उत्तर अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने देश में जनवरी की शुरूआत में कोविड-19 संक्रमण की एक नयी लहर आने की चेतावनी दी है। ट्यूनिस अफ्रीक प्रेस (टीएपी) ने बुधवार को दी रिपोर्ट में नेशनल सेंटर आॅफ फामार्कोविजिलेंस के महानिदेशक रियाद डगफौस ने कहा, ‘जनवरी 2023 में संक्रमण में वृद्धि की आशंका को देखते हुए ट्यूनीशियाई लोगों को अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को मजबूत करना और कोविड के प्रसार को रोकना चाहिए। कोविड-19 वैज्ञानिक टीकाकरण निगरानी समिति के अध्यक्ष डगफौस ने टीकाकरण के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा,‘ओमीक्रॉन बीए4 और बीए5 संस्करण के खिलाफ एक टीकाकरण अभियान जोकि इस समय ट्यूनीशिया में प्रभावी है इस सप्ताह शुरू होगा। उन्होंने पुरानी बीमारियों या इम्यूनोडिफीसिअन्सी वाले लोगों, बुजुर्गों और छह महीने पहले टीके की अंतिम खुराक ले चुके लोगों से टीका लगवाने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि 13 मार्च 2021 को राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान की शुरूआत के बाद से ट्यूनीशिया में अब तक कुल 6,398,305 लोगों को कोविड-19 टीका लगाया जा चुका है।
देशभर में कोविड निपटने के लिए मॉक ड्रिल | Coronavirus
विदेशों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश में मंगलवार को कोरोना महामारी से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए जिला स्तर पर मॉक ड्रिल की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया मॉक ड्रिल देखने के लिए नयी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पूरी तैयारियों का सुचारू संचालन देखा और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने के लिए उपकरण, दवाइयां और मानव संसाधन का तैयार रहना बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि महामारी से बचने के लिए कोविड मानकों का पालन और भ्रमित जानकारियों से बचना जरूरी है। कोविड माक ड्रिल का उद्देश्य पिछले अनुभव के आधार पर महामारी से निपटने की तैयारियों को परखना है। यह माक ड्रिल देशभर में जिला स्तर पर की गई। इसमें कोविड से निपटने के लिए आवश्यक विशेष कोविड अस्पतालों, बिस्तरों, दवाईयों, आक्सीजन की उपलब्धता और आपूर्ति, वेंटीलेटर तथा एम्बूलेंस का सुचारू हालत में होना सुनिश्चित किया गया।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया में एंटीबायोटिक दवाओं की कमी की चेतावनी दी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण पेनिसिलिन और एमोक्सिसिलिन सहित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी है। यह जानकारी डब्ल्यूएचओ समूह के दवा आपूर्ति और अभिगमन के प्रमुख लिसा हेडमैन ने दी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा जिन देशों के डेटा एकत्रित किए गए हैं, उनके अनुसार यूरोपीय संघ के देशों, कनाडा और अमेरिका सहित 35 देशों में लगभग 80 प्रतिशत पेनिसिलिन से संबंधित एंटीबायोटिक दवाओं की कमी हो चुकी हैं जबकि गरीब और छोटे देशों की स्थिति और ज्यादा खराब है क्योंकि उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का आयात करना पड़ता है।
हेडमैन ने फाइनेंशियल टाइम्स को कहा,“यह कमी इसलिए हुई है क्योंकि देशों को इस बात का अंदाजा नहीं था कि पहले वर्ष में बिना मास्क के श्वसन संक्रमण हमें इतनी बुरी तरह प्रभावित करेगा।” समाचारपत्र ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि इन दवाओं की कमी का एक अन्य कारण कोविड-19 महामारी है जिसके कारण आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ और एंटीबायोटिक दवाओं की मांग में कमी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उनका उत्पादन भी कम हो गया। फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका और यूरोप के फार्मासिस्टों ने भी सर्दियों की लहर में फ्लू और कोविड-19 के कारण बढ़ती मांग के बीच दर्द निवारक दवाओं की कमी की जानकारी दी है।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत करवाएं जांच | Corona News
- गले में खराश
- छींक
- बहती नाक
- बंद नाक
- बिना कफ वाली खांसी
- सिरदर्द
- कफ के साथ खांसी
- बोलने में परेशानी
- मांसपेशियों में दर्द
- गंध ना आना
- अधिक बुखार
- कंपकंपी के साथ बुखार
- लगातार खांसी
- सांस लेने में समस्या
- थकान महसूस होना
- भूख में कमी
- डायरिया
- बीमार होना
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