चौतरफा लिवली से शेयर बाजार का नया रिकार्ड

Stock Market

मुंबई (एजेंसी)। चौतरफा लिवली के बल पर शेयर बाजार ने आज फिर से नया इतिहास बना दिया । बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 512 अंकों की तेजी के साथ 61817.32 अंक पर खुला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन एस ई) का निफ्टी 162 अंकों की बढ़त के साथ 18500 अंक के पार खुला। सेन्सेक्स खुलते ही 61624.65 अंक के निचले बीस्तर तक उतरा लेकिन फिर से लिवाली होने से यह 62 हजार अंक की ओर बढत हुऐ 61894.33 अंक के रिकार्ड स्तर तक चढ़ा। अभी यह 504 अंकों की बढ़त के साथ 61810 अंकों पर कारोबार कर रहा है। एन एस ई का 162 अंकों की बढ़त के साथ 18500.10 अंक पर खुला। बिकवाली के दबाव में 18445.30 अंक तक उतरा लेकिन लिवाली के जोर से यह फिर से चढ़ते हुए 18524.40 अंक के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया। अभी यह 156 अंकों की तेजी लेकर 18494.65 अंक पर कारोबार कर रहा है।

अमेजन और फ्लिपकार्ट के विरोध में 15 नवंबर से कैट करेगा प्रदर्शन

खुदरा व्यपारियों के संघ कॉन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई.मार्केटप्लेस अमेजन और फ्लिपकार्ट की एकाधिकार नीति के विरोध में 15 नवंबर को पूरे देश में धरना प्रदर्शन कर रथा यात्रा निकालने की आज घोषणा की। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. एस. भरतिया ने रविवार को कहा कि भारत के ई. कॉमर्स व्यापार में अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी धन से चलने वाली कंपनियों द्वारा वर्ष 2016 से देश के ई. कॉमर्स कारोबार को बेहद विषाक्त कर देश की व्यापारिक सम्प्रुभता पर एक सोची समझी साजिश रची गई है। कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से आज कहा की इस मुद्दे को बेहद अनैतिक मानते हुए अमरीका के दोनों दलों के सांसद एकजुट होकर अमेरिकी संसद में एक बिल लाने की घोषणा कर रहे हैं वहीं न केवल भारत सरकार बल्कि सभी राजनीतिक दल खामोश हैं, जिसके कारण देश भर के व्यापारियों में बेहद रोष एवं आक्रोश है।

अमेजन की कथित धांधली का भारत से ज्यादा विरोध अमरीकी सांसद कर रहे हैं: कैट

भारत के ई कॉमर्स व्यापार में अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी धन से चलने वाली कंपनियों द्वारा वर्ष 2016 से देश के ई कॉमर्स व्यापार को अनाप शनाप तरीके से चलाने को देश की व्यापारिक सम्प्रुभता पर एक सोची समझी साजिश बताते हुए कॉन्फेडरेशन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वाणिज्य वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आज कहा की इस मुद्दे को बेहद अनैतिक मानते हुए अमरीका के दोनों दलों के सांसद एकजुट होकर अमरीकी संसद में एक विधेयक लाने की तैयारी कर रहे हैं वहीं भारत में न केवल सरकार बल्कि सभी राजनीतिक दल खामोश हैं जिसके कारण देशभर के व्यापारियों में बेहद रोष एवं आक्रोश है।

 

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