Dera Sacha Sauda में हमेशा सच्ची बात सिखाई जाती है

Indian Culture, Online Spiritual Discourse

हमारी संस्कृति पूरी दुनिया में नंबर वन

बरनावा। सच्चे दाता रहबर, मुर्शिद-ए-कामिल पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को आॅनलाइन गुरूकुल के माध्यम से रूहानी सत्संग में अपने अमृतमयी वचनों की वर्षा करते हुए फरमाया कि आज छोटे-छोटे बच्चों को वो नॉलेज है, जो हमारे टाइम में शायद 18-20 साल के बच्चे को हुआ करता था और उससे पहले हो सकता है 25 साल। आज 5-7 साल के बच्चे को ज्यादा ज्ञान हो गया है। सुनी उनकी बातें।

बड़ी फॉरेन कंट्री (विदेशों की) की बातें चलती हैं, उसको लगता है कि हम फॉर्नर बन गए हैं, बेटा रहेगा यहीं का यहीं, जितने मर्जी बोल ले, जितना मर्जी इंग्लिश को उस तरीके से बोल ले, रहेगा तो भारतीय ही, और तुझे तो गर्व करना चाहिए कि मैं भारतीय हूँ। ये कमजोरी नहीं है, क्योंकि हमारे जैसा कल्चर आपको बता चुके हैं, जो पवित्र वेदों ने बताया, सारे धर्मों ने बताया, ऐसी सभ्यता, ऐसा कल्चर पूरी दुनिया में कहीं भी नहीं है। तो हम सबको गर्व होना चाहिए। हमें तो बेहद गर्व है कि हमने उस देश में जन्म लिया, जिसकी संस्कृति नंबर वन पर है।

पूज्य गुरु जी ने किए वचन, पूरे वर्ल्ड में एक दिन नम्बर-वन होगी भारतीय संस्कृति

हमने उस देश में जन्म लिया, जिसमें पाक पवित्र वेद पढ़े जाते हैं, सिखाए जाते हैं और सारे धर्मों के पवित्र ग्रन्थों की रचना हुई है, जो हमारे धर्मों को एक नई दिशा देने के लिए प्रहरी का काम ही नहीं, महापुरुष का काम कर रहे हैं। गुरू, संत, पीर-फकीर, पैगम्बरों का काम कर रहे हैं। पर कोई उनको पढ़े तो ना। कोई उन पर अमल करे तो ना। इसलिए पीर-फकीर आते हैं, उनकी बात सुनाते हैं, संतों की, गुरू साहिबानों की, पीर-पैगम्बरों की और सिखाते हैं कि भाई सुनो कि हमारा धर्म हमें क्या कह रहा है। हमें कोई भी सज्जन जितने भी आप लाइव बैठे हो, अगर आपको लगे कि हम गलत कह रहे हैं या आपको कोई अलग बात आती है तो बताना।

क्या हमारे किसी धर्म ने लिखा है या कहा हो कि शराब पीओ, तम्बाकू खाओ, ड्रग, ये जो चिट्ठा, काला, पीला, नीला जो भी आ गया, बॉम्बे में तो एक म्याऊं भी आया हुआ था। हमने पूछा कि ये म्याऊं क्या है तो कहते ये भी एक नशा है। तब पता चला जब कई लोग मर गए उससे, बड़ा दर्द हुआ। कैमिकल होते हैं, जुराब सूंघते हैं लोग नशे के लिए, अजीबोगरीब आयोडैक्स और पता नहीं क्या-क्या चीजें हैं। तो ये नशे बर्बादी का घर हैं। तो कौन से धर्म में लिखा है कि इन नशों को किया करो, जरा बताइए किस धर्म में इजाजत दी है। कहीं नहीं।

सच्चा सौदा में हमेशा सच्ची बात सिखाई जाती है

आप सभी किसी-न-किसी धर्म से जुड़े हुए हैं, इन्सान तो वो है जो सबको एक माने, हैं बहुत सारे इन्सान, आज बन चुके हैं करोड़ों इन्सान, लेकिन ज्यादातर, जो नए बहन-भाई बैठे हैं हम चर्चा उनकी कर रहे हैं, कि सरनेम लगा हुआ है तो हमें जरूर बताइए, अगर आप हिन्दू हैं, आप मुस्लिम हैं, सिक्ख हैं, ईसाई हैं या किसी भी धर्म से ताल्लुक रखते हैं।

अभी आपने इन धर्मों में लिखा नहीं कि नशा करना चाहिए। तो जब ठेकों के आगे लाइन लगाकर खड़े होते हो तो वो कौन होता है? धर्मों ने तो कहा है कि नशा नहीं करना, वो जो आप चम्मच में डालकर या सिगरेट में या पन्नी में डालकर सूंघ रहे होते हो, वो कौन से धर्म वाला होता है। क्योंकि ना हिन्दू हो सकता है, ना मुस्लिम, ना सिक्ख, ना ईसाई, ये तो हमारी गारंटी है, क्योंकि उन्होंने तो लिखा है कि नशा करना नहीं। तो फिर कौन सा होता है तब आपका धर्म, क्यों धर्मों को बदनाम कर रहे हो। अरे हमारे गुरू, संत, पीर-पैगम्बरों, महापुरुषों ने हमें कितनी बड़ी विरासत दी है कि हम धर्मों को मानें तो इस धरती पर स्वर्ग बन जाएगा। हम आपको गारंटी देते हैं कि इस मिनट आप मानो तो अगले मिनट इस धरती पर स्वर्ग बन जाएगा। अपने-अपने धर्मों को मानकर दिखा दो। दिखावा मत करो, ढोंग-ढकोसले मत करो। तो इस तरह से आप सच्ची बात को सुनो। और ये सच्ची बात सच्चा सौदा में सिखाई जाती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।