हमारा विश्वास पूज्य गुरु जी के प्रति अडोल

Unwavering faith: Dera devotees SACHKAHOON

ब्लॉक हाँसी की साध-संगत ने कहा, सेवादार आज भी पूरे जोश के साथ सेवा कार्यों में जुटे

हाँसी (सच कहूँ/मुकेश)। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा के साथ समूह साध-संगत दिन-रात तन मन धन से इन्सानियत की सेवा में जुटी हुई है और ऐसे फैसलों से साध-संगत का विश्वास नहीं डोल सकता। साध संगत आज भी पूरे जोर शोर के साथ मानवता भलाई की सेवा में जुटी हुई है और आगे भी यूं ही जुटी रहेगी।

पूज्य गुरुजी की पावन प्रेरणा पर चलते हुए आज करोड़ों की संख्या में साध-संगत नशे व बुराइयां छोड़कर मानवता भलाई के कार्य कर रही है। आज भी पूरी दुनिया में डेरा अनुयायियों से ज्यादा रक्तदान करने वाला सामने नहीं आया है। हम ऐसे गुरु को बारम्बार नमन् करते हैं।
-बलजीत इन्सां कुम्भा।

ऐसा सतगुर जिसने हमें नरक से निकाल कर स्वर्ग में पहुंचा दिया। जिन्होंने इन्सान को इन्सान के दुख-सुख में काम आने की प्रेरणा दी है, ऐसा सतगुरु धन्य है। मुझे व मेरे पूरे परिवार को पूज्य गुरुजी पर पूर्ण विश्वास है जो ताउम्र बरकरार रहेगा।
-सन्तोष इन्सां मिलकपुर।

हुजूर पिताजी के वचनानुसार हम 135 मानवता भलाई के कार्य करते रहते हैं। मैंने दूसरी पातशाही परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नामदान लिया था। मुझे डेरे से जुड़े 35 साल हो गए हैं और आज भी डेरा सच्चा सौदा से हमारी आस्था ज्यों की त्यों बरकरार है, जो मरते दम तक बरकरार रहेगी।
-हुक्मी इन्सां, हांसी।

मैंने परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से नाम की दीक्षा ली थी। जिसके बाद में डेरा सच्चा सौदा से लगातार जुड़ा हुआ हूं और मेरा पूरा परिवार आज भी सच्चे सौदे की आन-बान-शान पर मर मिटने को तैयार है। हमें इतना भगवान पर विश्वास नहीं है जितना हमें अपने पूज्य गुरुजी पर है।
-सतीश इन्सां, हांसी।

पूज्य पिताजी की पावन प्रेरणा से हम सभी बुराइयों को त्यागकर आज समाज में सिर ऊंचा करके चल सकते हैं। यह पूज्य पिताजी की पावन प्रेरणाओं का ही असर है कि डेरा अनुयायियों के घर का बच्चा-बच्चा भी आज डेरा सच्चा सौदा के साथ मिलकर खड़ा है। हम ऐसे गुरु का बारम्बार धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने जीवन सुधार दिया है।
-संतोष इन्सां, हांसी।

हाईकोर्ट में पूज्य गुरु जी के द्वारा लगाई गई याचिका मंजूर हो गई है और यह साध संगत के विश्वास को और भी दृढ़ करने का काम करेगी। साध-संगत करोड़ों में होने के बावजूद आज भी अडोल खड़ी है, जिसे दुनिया की कोई ताकत हिला नहीं सकती।
-वजीर इन्सां, गढ़ी।

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