असाध्य दर्द रोग से बचने का एकमात्र विकल्प है फिजियोथैरेपी-डॉ वीणा कठपालिया

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फिजियोथेरेपी की जीवन में अहम भूमिका- डॉ कुमार प्रीतम

बड़ौत (सच कहूँ/सन्दीप दहिया)। फिजियोथेरेपी की हमारे जीवन मे मुख्य भूमिका होती है। अधिकांश रूप से शरीर में जब दर्द की स्थिति जटिल हो जाती है तो फिजियोथेरेपी इस प्रकार के दर्द को दूर करने का कार्य करती है। बडौत नगर के प्रसिद्ध फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर कुमार प्रीतम और डॉ वीणा कठपालिया ने फिजियोथैरेपी दिवस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि फिजियोथैरेपी रोगी की गतिशीलता और कार्य और बनाये रखने के लिए बेहतरीन उपचार है। फिजियोथेरेपी शारीरिक पुनर्वास, चोट की रोकथाम और स्वास्थ्य एवं फिटनेस के माध्यम से मदद करती है।फिजियोथेरेपिस्ट उपचार और व्यायाम को तैयार करता है जो आपके शरीर को लचीला, दर्द सहने की शक्ति और आपको आपकी सर्वश्रेष्ठ ऑपरेटिव क्षमता में आगे बढ़ने में मदद करता है। ताकि आप बिना किसी तकलीफ के लंबे और स्वस्थ जीवन जी सकें। Baraut News

फिजियोथैरेपी की आवश्यकता क्यों

डॉ कुमार प्रीतम और व डॉक्टर वीणा कठपालिया ने बताया दैनिक जीवन में फिजियोथैरेपी की आवश्यकता क्यों पड़ती है। उन्होंने बताया कि फिजियोथेरेपी लेने के निम्न कारण हो सकते है।

बड़ी चोटों को रोकने के लिए | Baraut News

  • काम करते समय सही तरह से बैठने के लिए (खासकर अगर मरीज डेस्क जॉब कर रहा हो)।
  • मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए।
  • मांसपेशियों के खिंचाव और लचीलेपन में मदद के लिए।
  • सर्जरी के बाद तेजी से उबरने के लिए।
  • घुटने या कूल्हे की सर्जरी में मदद के लिए।
  • शरीर के संतुलन में सुधार करने के लिए

फिजियोथेरेपी लेने के लाभ

डॉ कुमार प्रीतम और डॉ विना कठपालिया ने बताया कि फिजियोथेरेपी सभी उम्र के रोगियों को दर्द से राहत दे सकती है, चाहे वह किसी भी तरह की चोट या बीमारी हो। फिजियोथेरेपी से आप भविष्य में स्वस्थ और सक्रिय जीवन सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके साथ ही थेरेपी आयु-संबंधी समस्याओं में मदद करता है, जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उनके जोड़ और मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं। इसका मतलब यह है कि उनके चोट, गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी अन्य जटिलताओं से ग्रस्त होने की ज्यादा सम्भावनाएं होती हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए फिजियोथेरेपी से बेहतर विकल्प दूसरा नही हो सकता। Baraut News

तीव्र दर्द निवारक दवाइयों से करे परहेज

चिकित्सको ने बताया कि पर्चे वाली दवाओं पर निर्भरता से बचना चाहिए। तीव्र दर्द निवारक दवाएं तुरंत राहत प्रदान कर सकती हैं, लेकिन जब उन्हें लंबी अवधि के लिए लिया जाता है, तो वे आपके गुर्दे और यकृत जैसे प्रमुख अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। जो किसी व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, आपको थोड़े समय के लिए दर्द निवारक दवाएं लेनी चाहिए, और उनके प्रभावी विकल्प का पता लगाने के बाद रोक देना चाहिए। ऐसे वक्त में फिजियोथेरेपी की मदद ली जाती है क्योंकि इसे ओपियेट्स के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है।चिकित्सकों ने बताया की यदि समय रहते ही फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह ली जाए तो व्यक्ति अपने जीवन में होने वाले असाध्य दर्द रोग से बच सकते हैं। Baraut News

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