पहाड़ों का रूप निखार रहे प्रदीप सांगवान

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सराहनीय : पीएम मोदी ने मन की बात में सराहा प्रयास

चरखी दादरी (सच कहूँ/इन्द्रवेश)। सकारात्मक सोच के साथ लीक से हटकर कुछ नया करने का जुनून इन्सान को कामयाबी जरूरत देता है और उसकी हर तरफ तारीफ होती है। कुछ ऐसा ही हुआ है चरखी दादरी के गांव झोझू कलां के रहने वाले प्रदीप सांगवान के साथ। जिनका जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में किया है। उन्होंने इस युवा के प्रयास की तारीफ की। चरखी दादरी के गांव झोझू कलां निवासी प्रदीप सांगवान का मन बचपन से ही पहाड़ों में रमता था। सेना में कार्यरत पिता प्रदीप को सेना की वर्दी पहने हुए देखना चाहते थे, लेकिन प्रदीप हिमालय की वादियों के ही रंग में खुद को रंगना चाहते थे।

प्रदीप के मन में पहाड़ों के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था

सांगवान खाप के कन्नी प्रधान सूरजभान के बेटे प्रदीप की शुरूआती पढ़ाई गांव में हुई और बाद में पिता के साथ सेना में ही पढ़ाई की। स्नातक की डिग्री लेकर प्रदीप सांगवान हिमाचल प्रदेश के मनाली में रहने चले गए। परिवार में उनके इस निर्णय से नाराजगी तो थी, लेकिन प्रदीप के मन में पहाड़ों के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा था। अपने इस राह में उनको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में वह पहाड़ों में जीवन व्यतीत करने के तौर तरीके को सीख गए थे। मनाली में रहते-रहते पर्यटन व्यवसाय के बारे में वह हर एक बारीकियां सीख चुके थे।

प्रदीप सांगवान पर्यटकों के साथ मिलकर ट्रैकिंग पर जाते थे और वहां जमा हुए कूड़े-करकट को इकट्ठा करके अपने साथ ले आते थे। धीरे-धीरे करके स्थानीय लोगों ने प्रदीप का साथ देना शुरू कर दिया। इस राह में कई लोग प्रदीप से जुड़े और वर्ष 2016 में प्रदीप ने द् हीलिंग हिमालय फाउंडेशन नाम के एक संस्थान का गठन किया। सोशल मीडिया के सहारे उन्होंने अपने फाउंडेशन का प्रचार किया और कई स्वयंसेवक उनके इस कार्य से प्रभावित होकर उनका साथ देने लगे।

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