अनमोल वचन: भाग्य बदल देता है सुमिरन

Precious words Sumiran changes Destiny

सुमिरन करे तो भाग्य बदल जाते हैं, सुमिरन न करे तो अपने कर्मों का बोझ इन्सान को उठाना पड़ता है 

सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि नाम-शब्द बहुत भागों, नसीबों से इन्सान को मिलता है। सुमिरन करे तो भाग्य बदल जाते हैं, सुमिरन न करे तो अपने कर्मों का बोझ इन्सान को उठाना पड़ता है। मालिक का नाम जब इन्सान को मिल जाता है, तो उसके बाद उसका सुमिरन करना अति जरूरी होता है। जब तक आप सुमिरन नहीं करेंगे, आपकी मनोइंद्रियां काबू में नहीं आएंगी और आप मन के हाथों मजबूर हो सकते हैं। इस लिए आप सुमिरन के पक्के बनो।
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि अगर आप लगातार घंटा-घंटा सुबह-शाम सुमिरन करते हैं, तो आपके आने वाले पहाड़ जैसे कर्म कंकर में बदलते हैं और लगातार सुमिरन करने से वो कंकर की चुभन भी महसूस नहीं होती। इस लिए इन्सान को सुमिरन का पक्का बनना चाहिए। आप सुमिरन के लिए समय निश्चित करो। वैसे आप सुबह 2 से 5 बजे के बीच में कभी भी जागो, उसके बाद घंटा सुमिरन करो। अगर ऐसा संभव नहीं है तो जब भी जागो, तब टाईम फिक्स कर लो कि यह समय मालिक को देना ही है। वैसे टाईम मालिक को नहीं देना, बल्कि उस टाईम में मालिक से बहुत कुछ लेना है। जब तक आप टाईम फिक्स नहीं करते, तब तक आप सुमिरन नहीं कर सकेंगे।

 

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