चाय, चीनी, तेल, चावल, दाल व घी के भावों में 5 से लेकर 70 रुपए की बढ़ोतरी

Dearness

8 महीनों में किरयाना के सामान में 25 से 30 प्रतिशत का उछाल, 98 का सरसों का तेल 130 में  (Dearness)

गरीब की जेब पर मार

  • दुकानदारों की लागत बढ़ी, आमजन परेशान

सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडाउन व बढ़ती तेल की किमतों का असर अब खाद्य सामान पर साफ दिखाई दे रहा हैं। किरयााने के सामान में 25 से 30 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। पिछले साल जून-जुलाई में जो काला चना 45 रूपये बिक रहा था, वहीं आज 55 से 60 रूपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया है। बढ़ते दामों के कारण दुकानदार और ग्राहकों दोनों की व्यवस्था बिगड़ गई है। खुदरा दुकानों पर रसोई के लिए सबसे जरूरी चाय, चीनी, तेल, चावल, घी, दाल के रेटों में 5 से लेकर 70 रूपये तक का उछाल आ गया हैं।

वहीं थोक विक्रेताओं का मानना है कि पिछले दो महीनों में विभिन्न राज्यों में फसलों को लेकर जो रिपोर्ट निकलकर सामने आ रही है उससे पता चलता है कि फसलों का उत्पादन घटने से दलहन के दामों में और उछाल आ सकता है। उधर लॉकडाउन के कारण कारखाने बंद होने व मजदूरों की कमी के कारण खाद्य सामग्री के उत्पादन में कमी आई है। जिस कारण भी भाव बढ़ रहे हैं।

महंगाई बढ़ने से घटी बिक्री: संदीप चुघ

शहर के एमसी मार्केट स्थित दुकानदार संदीप चुघ ने बताया कि खाद्य सामग्री की बढ़ती किमतों के कारण उन्हें भी परेशानी हो रही है। पुंजी ज्यादा लग रही है व कमाई घट रही है। महंगाई जब भी बढ़ती है तो बाजार में ग्राहकों की कमी आ जाती है। सरकार को चाहिए कि वह खाद्य सामान के दामों पर नियंत्रण रखें।

शहर के भादरा बाजार के थोक विक्रेता बालाजी ट्रेडिंग कंपनी के संचालक विजय कुमार ने बताया कि कोविड 19 के कारण कंपनियों और फैक्ट्रियों में कामकाज पूरी तरह से बंद हो गया था। इसके बाद त्यौहार आ गए। जिनपर हर साल कुछ न कुछ बढ़ोतरी होती है। इसके अलावा ट्रांसर्पोर्ट्स का खर्चा बढ़ने के कारण भी पिछले कुछ महीनों से खाद्य सामान के दाम बढ़ रहे है।

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