RBI New System: UPI- RTGS-NEFT का गया जमाना, अब RBI का ये नया सिस्टम अपनाना

New Payment System RBI
RBI New System UPI- RTGS-NEFT का गया जमाना, अब RBI का ये नया सिस्टम अपनाना New Payment System RBI
  • RBI का नया पेमेंट सिस्टम, किसी भी हालात में काम करने में सक्षम
  • प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध जैसी विनाशकारी घटनाओं के समय भी करेगा काम

नई दिल्ली। RBI New System: कहते हैं समय परिवर्तनशील है। इसी के तहत UPI- RTGS – NEFT का जमाना अब पुराना हो चुका है। इसके विपरीत रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया (आरबीआई New Payment System RBI) एक बिल्कुल नया, बिल्कुल अलग लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम विकसित करने जा रहा है। इस पेमेंट सिस्टम को प्राकृतिक आपदाओं और युद्ध जैसी स्थितियों के दौरान यानी किसी भी हालात में महत्वपूर्ण लेन-देन के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा। आरबीआई (RBI) के अनुसार ये प्रस्तावित लाइट वेट एंड पोर्टेबल पेमेंट सिस्टम (RBI) पारंपरिक तकनीक से हटकर बिल्कुल अलग होगा। इस सिस्टम को संचालित करने के लिए बहुत ही कम कुछ खास कर्मचारी कहीं पर भी आॅपरेट कर सकेंगे।

पैसे ट्रांसफर करने या लेनदेन के लिए मौजूदा समय में चल रही RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट), NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) और UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसे मौजूदा पेमेंट सिस्टम को बड़ी मात्रा में पेमेंट करने के लिए तैयार किया गया है। ये पेमेंट सिस्टम एडवांस्ड आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत काम करते हैं। आरबीआई ने बताया कि प्राकृतिक आपदा और युद्ध जैसी भयंकर स्थिति में उपरोक्त सिस्टम सूचना और संचार बुनियादी ढांचे को बाधित करके अस्थायी रूप से बंद हो सकता है। दूसरी ओर आरबीआई का ये नया सिस्टम सही तरीके से काम करता रहेगा।

खास कर्मचारी ही कर सकेंगे कहीं से भी आॅपरेट | RBI New System

आबीआई ने बताया कि प्राकृतिक आपदा और युद्ध जैसी भयावह स्थिति का सामना करने के लिए ऐसे सिस्टम की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे किसी भी हालात में उपयोग किया जा सके। इसी के मद्देनजर आरबीआई ने एलपीएसएस (LPSS) की प्लानिंग की है, जो पारंपरिक तकनीक से स्वतंत्र होगा और इसे कम संख्या में खास कर्मचारी ही कहीं से संचालित कर सकते हैं। आरबीआई ने उम्मीद जताई कि यह सिस्टम न्यूनतम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर काम कर सकता है। इसे जरूरत पड़ने पर कहीं भी एक्टिव किया जाएगा। यह ऐसे लेनदेन को पूरा करने के काम आएगा, जो सरकार और बाजार से जुड़े लेनदेन जैसे अर्थव्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अहम है।