हरियाणा में रोड़वेज बसों का सफर हुआ महंगा

Haryana Roadways

सरकार ने रोड़वेज का किराया बढ़ाने का फैसला किया | Haryana Roadways

  • 100 किलोमीटर के बाद 20 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी
  • कैबिनेट बैठक में लिया फ़ैसला
  • पेट्रोल डीज़ल भी बढ़ेगा, फल सब्ज़ी महँगा होंगी
  • एक साल तक कोई गाड़ी नहीं ख़रीदी जाएगी

चण्डीगढ़ (अनिल कक्कड़)। हरियाणा सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अक्टूबर, 2018 की तुलना में लगभग 15 रुपये प्रति लीटर की कमी के मद्देनजर डीजल और पेट्रोल की बिक्री पर वैट दर को आंशिक रूप से बहाल करने की मंजूरी दी है। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिया गया। इससे कर की दर में पेट्रोल के मामले में एक रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल के मामले में 1.1 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि होगी।

यहां यह उल्लेखनीय होगा कि अक्तूबर, 2018 में हरियाणा ने इस तथ्य को मद्देनजर रखते हुए कि डीजल और पैट्रोल की दर क्रमश: 76.11 रुपये प्रति लीटर और 84.19 रुपये प्रति लीटर तक हो गई है, डीजल और पैट्रोल पर वैट की दर में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कमी कर दी थी। अब, डीजल और पेट्रोल दोनों की कीमत में लगभग 15 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आई है, इसलिए राज्य ने वैट दर को आंशिक रूप से बहाल करने का निर्णय लिया है।

100 किलोमीटर तक 15 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी

प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, पेट्रोल पर कर की दर 25 प्रतिशत (सरचार्ज समेत प्रभावी दर 26.25) और डीजल पर कर की दर 16.40 प्रतिशत (सरचार्ज समेत प्रभावी दर 17.22) तक बहाल किया जाना प्रस्तावित है जोकि 4 अक्तूबर, 2018 के स्तर से पहले का है। डीजल के मामले में प्रति लीटर कर की निर्धारित दर 8.15 रुपये (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 8.56 रुपये) से बढकऱ 9.20 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 9.66 रुपये) और पेट्रोल के मामले में 14.25 रुपये (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 14.96 रुपये) प्रति लीटर से बढकऱ 15.20 रुपये प्रति लीटर (सरचार्ज सहित प्रभावी दर 15.96 रुपये) हो सकती है। इसके अलावा, 10 दिनों के कानूनी नोटिस की शर्त को भी समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है, क्योंकि इसमें व्यापक वित्तीय निहितार्थ शामिल हैं।

प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार, जब डीजल के मामले में खुदरा बिक्री मूल्य 65.75 रुपये से अधिक होगा तो 17.22 प्रतिशत की यथामूल्य दर जबकि पेट्रोल के मामले में जब खुदरा बिक्री मूल्य 76.76 रुपये से अधिक होगा तो 26.25 प्रतिशत की यथामूल्य दर लागू होगी। इस वृद्धि से, राज्य प्रतिमाह लगभग 61 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर जुटाने में सक्षम होगा, जिसमें डीजल से प्रतिमाह 49 करोड़ रुपये तथा पेट्रोल से प्रतिमाह 12 करोड़ रुपये शामिल हैं, अगर इससे बिक्री की वर्तमान मात्रा प्रभावित नहीं होगी।

 

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