रूस : कुरील द्वीप के पास आया 5.4 की तीव्रता का भूकंप

Earthquake in Philippines

युज्नो-सखलिंस्क (एजेंसी)। रूस के कुरील द्वीप के पास भूकंप के मध्यम झटके महसूस किये गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई। युज्नो-सखालिंस्क भूकंप विज्ञान स्टेशन की प्रमुख एलेना सेमेनोवा ने स्पूतनिक को यह जानकारी दी। एलेना सेमेनोवा ने कहा, ‘5.4 तीव्रता का भूकंप गुरुवार को स्थानीय समयानुसार 11:38 बजे महसूस किये गए। भूकंप का केंद्र 52 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।’ भूकंप का केंद्र निर्जन द्वीप सिमुशीर से 171 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित था। भूकंप के कारण किसी भी पीड़ित या नुकसान के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है।

सुनामी की कोई चेतावनी घोषित नहीं की गई है। कुरील द्वीप एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, जिसे रिंग आॅफ फायर के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र नियमित रूप से शक्तिशाली भूकंपों से प्रभावित होता है। 5 नवंबर, 1952 को कुरील द्वीप में आए 9.0 तीव्रता के भूकंप के बाद एक बड़ी सुनामी की आई थी, जिसने सेवरो-कुरिल्स्क शहर को तबाह कर दिया। इस घटना में 2,300 से अधिक लोग मारे गए थे।

क्यों आता है भूकंप

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट, क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर हिलती रहती हैं। जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है। ये प्लेट क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वह स्थिर रहते हुए अपनी जगह तलाशती हैं इस दौरान एक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे आ जाता है।

कैसे मापा जाता जाता है भूकंप की तिव्रता

भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है।

क्या होता है रिक्टर स्केल

भूकंप के समय भूमि में हुई कंपन को रिक्टर स्केल या मैग्नीट्यूड कहा जाता है। रिक्टर स्केल का पूरा नाम रिक्टर परिणाम परीक्षण ( रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल ) है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर जितनी ज्यादा होती है, भूमि में उतना ही अधिक कंपन होता है। जैसे-जैसे भूकंप की तीव्रता बढ़ती है नुकसान भी ज्यादा होता है। जैसे रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप ज्यादा नुकसान करेगा। वहीं 3 या 4 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होगा।

चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है देश को

दरअसल भूकंप को लेकर देस को चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर

  • 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है।
  • 2 से 2.9 की तीव्रता वाले भूकंप से सिर्फ हल्की कंपन होती है।
  • 3 से 3.9 की तीव्रता वाले भूकंप के दैरान ऐसा लगता की कोई ट्रक आपके बगल से गुजरा हो।
  • 4 से 4.9 की तीव्रता वाला भूकंप खिड़कियां तोड़ सकता हैं।
  • 5 से 5.9 की तीव्रता पर घर का सामान हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से इमारतों की नींव में दरार आ सकती है।
  • 7 से 7.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों को गिरा सकता है।
  • 8 से 8.9 की तीव्रता वाला भूकंप आने पर बड़े पुल भी गिर सकते हैं।
  • 9 से ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप पूरी तरह से तबाही मचा सकते हैं। अगर समंदर नजदीक हो तो सुनामी भी आ सकती है।

भूकंप आने पर क्या करें?

  • भूकंप आने के बाद अगर आप घर में हैं तो कोशिश करें कि फर्श पर बैठ जाएं। या फिर अगर आपके घर में टेबल या फर्नीचर है तो उसके नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लेना चाहिए।
  • भूकंप आने के दौरान घर के अंदर ही रहें और जब झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
  • भूकंप के दौरान घर के सभी बिजली स्विच को आॅफ कर दें।

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