3 वर्षों से जरूरतमंद परिवार की मद्दगार बन रही साध-संगत

Humanity

हर माह फूड बैंक से दिया जा रहा राशन (Welfare Work)

  • वृद्धा बोली, धन्य है पूज्य गुरु जी, जो अपने अनुयायियों को दे रहे इंसानियत की शिक्षा

सच कहूँ/राजू
ओढां। इस स्वार्थी युग में लोग जहां बगैर मतलब किसी को बतलाना भी उचित नहीं समझते तो वहीं डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अपने गुरू की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। इसका एक उदाहरण रोड़ी ब्लॉक के गांव फग्गू में देखा जा रहा है। जहां गांव की साध-संगत एक जरूरतमंद परिवार की पिछले 3 वर्षांे से मददगार बन रही है। इस कार्य पर उक्त परिवार ने साध-संगत का आभार व्यक्त किया है। 25 मैम्बर नारायण सिंह इन्सां ने बताया कि उनके गांव में करीब 3 वर्ष पूर्व एक वृद्धा के लड़के की मृत्यु हो गई थी।

  • उक्त परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उन्हें परेशानी उत्पन्न हो रही थी।
  • घर में वृद्धा मुखत्यार कौर, उसकी पुत्रवधु व 3 पौत्र-पौत्रियां है।
  • 75 वर्षीय वृद्धा व उसकी पुत्रवधु दोनों बीमार चल रही है।
  • ऐसे में उक्त परिवार के लिए राशन आदि का इंतजाम करना कठिन साबित हो रहा था।

बेटे कर मौत के बाद परिवार नहीं था कोई कमाने वाला

25 मैम्बर नारायण सिंह इन्सां ने बताया कि वृद्धा के लड़के की मौत के बाद से उसके घर में कमाने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते उक्त परिवार की स्थिति ठीक न होेने पर गांव की साध-संगत उन्हेंं हर माह राशन व यथासंभव मदद मुहैया करवा रही है। इस मदद पर वृद्धा ने कहा कि धन्य है डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू जी जो अपने अनुयायियों को ऐसी शिक्षा देते हैंं। वृद्धा व उसके परिवार ने साध-संगत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अगर साध-संगत उनकी मदद न करती तो उनके लिए पेट पालना भी काफी मुश्किल हो जाता।

‘‘साध-संगत उपवास रखकर राशन जमा करती है। ये राशन बाद में नामचर्चा के दौरान जरूरतमंद लोगों मेें वितरित किया जाता है। साध-संगत को कहा हुआ है कि जरूरतमंद लोगों को नामचर्चा में लेकर आएं, ताकि उन्हें राशन या अन्य मदद दी जा सके।
– पवन इन्सां, ब्लॉक भंगीदास (रोड़ी)।

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