बोले, लम्बे समय से धूल फांक रही अधिकतर लाइब्रेरी

शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे युवाओं ने जिला कलक्टर को बताई पीड़ा

हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। 29वें जिला स्थापना दिवस समारोह के कार्यक्रमों की कड़ी में जंक्शन के नेशनल पब्लिक स्कूल में शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें बीकानेर संभाग के करीब 200 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता दिनभर चली। जिला कलक्टर नथमल डिडेल और नगर परिषद सभापति गणेश राज बंसल समेत जिला स्तरीय अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों व गणमान्य नागरिकों ने स्कूल पहुंचकर प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे बच्चों में एक टीस नजर आई। उनकी पीड़ा थी कि पूर्व जिला कलक्टर पीसी किशन की ओर से शुरू की गई लाइब्रेरी आज धूल फांक रही है।

शतरंज खेलने वाले युवाओं के लिए अब जगह नहीं है। क्योंकि अधिकतर लाइब्रेरी प्रबंधन और बजट के अभाव में बंद हो चुकी हैं। शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे युवाओं और भटनेर शतरंज विकास समिति के पदाधिकारियों ने यह समस्या प्रतियोगिता का अवलोकन करने पहुंचे जिला कलक्टर नथमल डिडेल के समक्ष रखी। जिला कलक्टर ने हरसंभव प्रयास करने के लिए आश्वस्त किया। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि युवा हो या बुजुर्ग, उनका मानसिक विकास और मानसिक सक्रियता बहुत जरूरी है।

ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक स्थानों में शतरंज को बढ़ावा

पूर्व जिला कलक्टर पीसी किशन ने अपनी नियुक्ति के दौरान पूरे जिले में एक लहर सी ला दी थी कि हर व्यक्ति शतरंज खेले। गांवों में भी शतरंज रखी गई। वर्तमान में भी जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि ग्राम पंचायतों के सार्वजनिक स्थानों में शतरंज को बढ़ावा दिया जाए। ताकि जो युवा आज नशे की तरफ बढ़ रहा है, अपना समय सोशल मीडिया सहित अन्य चीजों में खराब कर रहे हैं, वो युवा मानसिक रूप से एक्टिव रहें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और पॉजिटिव कार्यांे में अपनी ऊर्जा लगाएं। यह प्रयास रहेगा।

पूर्व जिला कलक्टर पीसी किशन की ओर से शुरू की गई लाइब्रेरियों के आज धूल फांकने के सवाल के जवाब में जिला कलक्टर डिडेल ने कहा कि पुस्तकालय जिसमें पुस्तकें, बच्चों के पढ़ने का स्थान और शतरंज ऐसी चीजें हैं जो हर ग्राम पंचायत में हो। पूर्व जिला कलक्टर पीसी किशन की ओर से शुरू करवाई गई लाइब्रेरियों का सर्वे करवा पता लगाया जाएगा कि किस लाइब्रेरी की क्या स्थिति है। क्योंकि किसी भी समाज-मोहल्ले, गांव-पंचायत में अगर लाइब्रेरी बनती है तो उसकी देखभाल वहां के लोगोंं को ही करनी चाहिए।

उन्हीं के बच्चे वहां जाकर पढ़ते हैं। प्रशासन या जिला मुख्यालय से जाकर वहां कोई नहीं पढ़ेगा। एनएमपीजी कॉलेज में जिला स्तरीय पुस्तकालय की घोषणा की गई है। उसके लिए 50 लाख रुपए का बजट भी उपलब्ध होगा। लेकिन फिर भी सरकार के पुस्तकालय विभाग की सहायता से बाकी पंचायतों व पूर्व जिला कलक्टर पीसी किशन की ओेर से जिन पंचायतों में लाइब्रेरियों की शुरूआत की गई थी, उन लाइब्रेरियों की देखभाल किस-किस माध्यम से कर सकते हैं, यह बहुत सकारात्मक रूप से प्रयास किए जाएंगे।

पूर्व डीसी का ट्रांसफर और लाइब्रेरी बंद

भटनेर शतरंज विकास समिति अध्यक्ष कुसुमाक्षी सोखल ने बताया कि समिति काफी सालों से शतरंज प्रतियोगिताएं करवाती आ रही है। यह शुरूआत इसलिए की गई थी ताकि बस्ती के वे बच्चे जो स्कूल नहीं जा पाते, उनके कुछ समय बैठने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाए ताकि वे गलियों में न भटकें और नशे आदि की तरफ न जाएं। लेकिन यह व्यवस्था लगातार नहीं चल सही। क्योंकि यह समिति पूर्व जिला कलक्टर पीसी किशन ने शुरू की थी। उनका जिले से अन्यत्र स्थानांतरण होने के साथ ही सभी 11 लाइब्रेरी भी बंद हो गईं ।

बच्चों के एकसाथ बैठने की जगह बंद हो गई। अब काफी लम्बे समय बाद जिला स्थापना दिवस पर शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ है। इस बात की खुशी भी है लेकिन दुख भी है कि यह कड़ी बीच में टूट जाती है। इसलिए समिति चाहती है कि समय-समय पर शतरंज प्रतियोगिताओं का आयोजन हो। लाइब्रेरी भी शुरू हों। उन्होंने कहा कि बच्चों का रूझान शतरंज प्रतियोगिता की तरफ काफी है लेकिन आवश्यकता है प्रबंधन की।

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