सानिया एक मजबूत खेल घुड़सवारी में अपना लोहा मनवा रही
गुरुग्राम। मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं-जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता-हौंसलों से उड़ान होती है। बुलंद हौंसलों के दम पर गुरुग्राम की बेटी 13 वर्षीय सानिया शर्मा एक मजबूत खेल घुड़सवारी में अपना लोहा मनवा रही है। बचपन से ही घुड़सवारी के प्रति आकर्षित सानिया के इस सपने को पूरा करने में उनके माता पिता ने भी पूरा साथ दिया है। उनका मानना है कि बेटियों के सपनों को पंख लगाना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है। जिस क्षेत्र में बेटियों की रुचि हों, उनका पूरा समर्थन और सहयोग हमें देना चाहिए। उनका कहना है कि हमारे देश की बेटियों ने विदेशों में नाम रोशन किया है।
जयपुर से गोल्ड मेडल जीतकर आई सानिया शर्मा ने सागर इक्वेस्ट्रियन स्पोर्र्ट्स अकादमी जयपुर में फेडरेशन आॅफ इक्वेस्ट्रियन इंटरनेशनल के तत्वावधान में दो दिवसीय शो जम्पिंग चिल्ड्रन क्लासिक ब्रानज टूयर-2022 प्रतियोगिता में घुड़सवारी का जलवा दिखाया। इस प्रतियोगिता में अंडर-14 आयु वर्ग में 18 घुड़सवारों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के चारों राउंड के बाद सानिया शर्मा ने गोल्ड, आराध्य सिंह ने सिल्वर और जयबीर सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। इस प्रतियोगिता में ब्रिगेडियर डीवीएस बिश्नोई ज्यूरी मेबर तथा कर्नल रघुवीर यादव इंटरनेशल ज्यूरी और प्रेसिडेंट ग्राउंड ज्यूरी थे। इससे पहले दिसम्बर 2021 में सानिया शर्मा ने मुंबई मे हुई जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में ब्राउंज मेडल जीता था।
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