हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का सातवां दिन : सत्ता के नहले पर विपक्ष का दहला

Haryana Budget

सत्ता पक्ष ने गिनवाई बजट की खूबियां तो विपक्ष ने उखेड़ी बखियां (Haryana Budget)

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। हरियाणा प्रदेश के बजट 2020-21 पर सोमवार को विधानसभा में (Haryana Budget) सातवें दिन चर्चा हुई। जिसमें सत्ता पक्ष के विधायकों ने सीएम मनोहर लाल द्वारा पेश किए गए बजट के बारे में कसीदे पढ़े और वहीं विपक्ष ने छोटे बिंदुओं से लेकर बड़े एवं महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को बगले झांकने के लिए मजबूर कर दिया।

सोमवार को सदन में प्रश्न काल से शुरूआत हुई, जिसमें 12 सवालों पर सरकार से जवाब-तलबी हुई। जिसके बाद बजट पर चर्चा शुरू कर दी गई। चर्चा की शुरुआत अंबाला सिटी से विधायक असीम गोयल ने की। गोयल ने बजट में कसीदे गढ़े। उन्होंने बजट को चहुंमुखी विकास के लक्ष्य पर आधारित बताया। असीम ने मुख्यतौर पर कृषि व शिक्षा के क्षेत्र पर बजट के फोकस का उल्लेख किया।

कांग्रेस ने किया जनहित की योजनाओं का गर्भपात

अपने विवादित ब्यानों के लिए जाने जाने वाले असीम गोयल ने विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में जनहित की योजनाओं का गर्भपात ही कर दिया था। जिससे प्रदेश के विकास पहिया न केवल ट्रैक से उतरा बल्कि दम ही तोड़ गया।(Haryana Budget) असीम की इस टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने जोरदार हमला बोला और सरकार पर कई सवाल दाग दिए। विपक्ष ने कांग्रेस के समय शुरू की गई योजनाओं को अभी तक अधर में लटके होने के उदाहरण दिए। वहीं असीम ने कहा कि कांग्रेस के समय नज़राना, जबराना और शुक्राना चलता था, जो मौजूदा मनोहर सरकार ने बंद कर दिया है।

सीएम भोले, लेकिन बजट में दिखी अनुभवहीनता: कादियान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधायक डॉ. रघुवीर सिंह कादियान ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने भोलेपन में कोशिश की और प्री-बजट जैसा प्रोग्राम लाए। लेकिन असल में यह प्रोग्राम एक तमाशा बन गया। सीएम ने इसी चक्कर में प्रदेश के दो महीने खराब कर दिए। वहीं उन्होंने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को साधुवाद दिया कि इतने तमाशे के बीच उन्होंने दिन-रात एक कर बजट बना दिया। कादियान ने सरकार को घेरते हुए कहा कि इस बजट में सीएम का भोलापन तो नजर आया लेकिन बजट में गंभीरता की कमी और अनुभवहीनता साफ नजर आई।

15-16 विभागों का जिक्र करना ही भूली सरकार

कादियान ने आरोप लगाया कि सरकार की बजट को लेकर गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बजट में मुख्यमंत्री ने 15-16 मुख्य विभागों का जिक्र तक नहीं किया। प्रदेश की जनता को पता ही नहीं कि 15-16 विभाग जिनका मुख्यमंत्री ने जिक्र नहीं किया उन्हें कितना बजट दिया गया है। वहीं कादियान ने कहा कि यह एक गठबंधन की सरकार है और सरकार ने गठबंधन करते हुए कॉमन मिनीमम प्रोग्राम का जनता से वायदा किया था लेकिन इस बजट में जजपा की की गई घोषणाओं में से एक घोषणा के लिए पैसा नहीं दिया गया।

बजट में 28.3 फीसदी नहीं, मात्र 0.6 फीसदी ही वृद्धि

कादियान ने आंकड़ों के साथ अपनी बात रखते हुए कहा कि मौजूदा सरकार कह रही है कि 2019-20 का बजट 1 लाख 32 हजार करोड़ का था और अब का बजट 1 लाख 42 हजार करोड़ का है, इसलिए 10 हजार करोड़ रुपए ज्यादा आवंटित इस बार किए गए हैं। और (Haryana Budget)यह बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है। लेकिन सच्चाई यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस बजट में केवल 0.6 फीसदी ही वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री को गुमराह किया गया है।

कादियान ने इस बाबत कई आंकड़े गिनवाए। जिसका जवाब देने के लिए सीएम को उठना पड़ा। सीएम ने कहा कि कादियान ओवर आॅल नहीं देख रहे जबकि सरकार ने हर विभाग के लिए बजट बढ़ाया है। कादियान ने कहा कि सबसे ज्यादा बजट ऐलोकेशन 2015-16 में 16.20 फीसदी हुई थी। और 2017-18 में 14.24 फीसदी और 2020-21 में 13.2 फीसदी बजट ऐलोकेशन हुई है। कादियान ने कहा कि सीएम ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि इस दफे शिक्षा विभाग को 15 फीसदी बजट ऐलोकेट किया गया है। लेकिन सच्चाई ये है कि कुल बजट का प्रतिशत निकालें तो 13.9 फीसदी शिक्षा के लिए बजट निकलता है।

कुछ पैसा भाईचारा बनाने में भी खर्चना चाहिए था

कादियान ने आरोप लगाया कि इस सरकार में प्रदेश के भाइचारे को काफी नुकसान हुआ था। नफरतें दिलों में फैली, जिसके लिए सरकार को चाहिए था कि इस बजट में कुछ पैसा भाइचारे को कायम करने के लिए, कुछ ऐसे प्रयास करने के लिए जिससे फिर से प्रदेश में प्रेम-प्यार बढ़ता, के लिए देना चाहिए था। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बजट में बेरोजगारी भत्ते बढ़ाने की बात नहीं की। स्वामीनाथन रिपोर्ट की बात नहीं की व भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए कोई योजना की बात नहीं की। कादियान ने कहा कि जीएसटी, नोटबंदी से अब तक बहुत से उद्योग उभर नहीं पाए हैं, उनके लिए इस बजट में कुछ नहीं है। वहीं पुरानी पैंशन, दादुपुर नलवी नहर, एसवाईएल और पंजाब समान वेतन पर कोई बात नहीं की गई।

हरियाणा को 48 साल से ज्यादा भाजपा ने छह साल में कर्जवान बना दिया

कादियान ने आरोप लगाया कि सरकार कर्जा लो और घी खाओ, की तर्ज पर चल रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के गठन से लेकर अब तक 48 साल 98 हजार करोड़ रुपए राज्य पर कर्ज था।(Haryana Budget) लेकिन खट्टर सरकार ने अब तक छह सालों में 1 लाख 98 हजार करोड़ तक कर्जा पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार अब तक कोई बड़ी योजना जैसे कि मैट्रो, रेल, बड़े उद्योग, पीजीआई, एम्स इत्यादि कुछ नहीं लेकर आई तो कर्ज का पैसा कहां गया? इस पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे। इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि सत्ता में आने के बाद मौजूदा सरकार ने पुरानी पैंडिंग पड़ी पॉवर यूटीलिटी का घाटा पूरा किया है, जो कि कुल 27 हजार करोड़ रुपए था।

सीएम ने आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों का भुगतान मौजूदा सरकार ने किया है। वहीं सीएम ने कहा कि मंगलवार को वे अपने जवाब में सभी सवालों का उत्तर देंगे। वहीं कादियान ने आरोप लगाया कि 2018-19 में सरकार की देनदारी 31,442 करोड़ रुपए थी, जो कि 2019-20 में बढ़ कर 31,879 करोड़ रुपए हो गई। वहीं 2020-21 में यह बढ़ कर 40,749 करोड़ रुपए तक आ पहुंची है जो कि कुल बजट का 28 फीसदी है।

यह सरकार आॅफ द आरएसएस, बाय द आरएसएस और फॉर द आरएसएस है : कांग्रेस

कांग्रेस के नेता डॉ. रघुवीर कादियान ने कहा कि संविधान में लोकतंत्र में चुनी जाने वाली सरकारों के लिए जॉन विकलिफ की लाइनें आॅफ द पीपल, बाय द पीपल एवं फॉर द पीपल इस सरकार पर सही नहीं बैठती। क्योंकि यह सरकार आॅफ द आरएसएस, बाय द आरएसएस और फॉर द आरएसएस है। कादियान की इस टिप्पणी से भाजपा के तमाम नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया। प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि हरियाणा एक हरियाणवीं एक नारा भी आरएसएस का है और आरएसएस देशहित में सोचती है।

 

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