मालिक का शुक्राना करना कभी ना भूलो: पूज्य गुरु जी
इन्सान को मालिक का शुक्राना करते रहना चाहिए। परम पिता परमात्मा का शुक्राना करना इबादत, भक्ति है, क्योंकि वो कभी किसी का शुक्राना आसानी से नहीं लेता। अगर आप उसे तड़प कर बुलाते हैं,सच्ची भावना से आप उसे बुलाते हो, तो वो आपकी सुनता है, आपके गम, दु:ख, दर्द, चिंताएं मिटा देता है।
सच्ची फरियाद जरूर सुनता है, वो दातार: पूज्य गुरु जी
परम पिता परमात्मा कण-कण, जर्रे-जर्रे में रहने वाला व सारी सृष्टि को बनाने वाला है। सारी सृष्टि में सैकड़ों त्रिलोकियां अर्थात् जहां तीन तरह के लोग रहते हैं। दिखने वाले को स्थूलकाय, न दिखने वाले को सूक्ष्मकाय व देवी-देवताओं को कारण काय कहते हैं।