खेल नर्सरियां बंद, संकट में खिलाड़ी

Khelo Haryana Youth Games

निदेशालय ने जारी नहीं किए दिशा-निर्देश

अगले साल तक करना पड़ सकता है इंतजार

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। कोरोना महामारी के कारण लगभग एक साल से बंद पड़ी खेल नर्सरियां अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं। इससे खिलाड़ी असमंजस में हैं कि वे अपने खेलों का अभ्यास कहां करें। क्योंकि लॉकडाउन अनलॉक होने के बाद स्कूल तक खुल गए हैं, लेकिन खेल नर्सरियों पर अभी भी ताले लगे हैं। ऐसी हालत रही तो खिलाड़ी कैसे देश-प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। बता दें कि फरवरी 2020 में नई खेल नर्सरी शुरू करने के आवेदन भी मांगे गए थे। इसके बाद कोरोना के चलते लॉकडाउन हो गया और यह सब धरा रह गया।

कोरोना महामारी के फैलाव को देखते हुए अभी भी अधिकतर अभिभावक अपने बच्चों को खेलने या भीड़-भाड़ वाली जगह जाकर अभ्यास करने को भेजने से बच रहे हैं। इस कारण खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा दबती जा रही है। वैसे तो गुरुग्राम जिला खेल विभाग के प्रशिक्षकों की देखरेख में खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हैं। साथ ही निजी खेल अकादमियों में भी खेलों का अभ्यास शुरू हो गया है।

कोरोना में नियमों को ध्यान में रखते हुए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी कराया जा रहा है। खेल विभाग द्वारा स्कूली स्तर पर खेल नर्सरियों को शुरू करने संबंधी कोई दिशा-निर्देश अभी जारी नहीं किए हैं। ऐसे में संभावना है कि अब अगले वर्ष ही खेल नर्सरी शुरू करने को लेकर हरियाणा का खेल निदेशालय कोई कदम उठाए। खिलाड़ियों को खेल नर्सरियों के लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ सकता हैै।

फरवरी माह में मांगे जाते थे आवेदन

सरकारी स्कूलों व निजी स्कूलों, खेल स्टेडियम और अकादमी में खिलाड़ी तैयार करने के लिए खेल विभाग द्वारा कई साल पहले खेल नर्सरियां शुरू गई थी। जिसमें विभाग की ओर से प्रशिक्षक नियुक्त किया जाता है और इसमें शामिल खिलाड़ियों को हर माह रिफ्रेशमेंट भी दी जाती है। खेल नर्सरी के लिए फरवरी माह में स्कूलों से आवेदन मांग जाते हैं। जिसके बाद नियमों को पूरा करने वाले स्कूलों, स्टेडियम या अकादमियों में खेल नर्सरी शुरू कर दी जाती है।

एक नर्सरी में 25 खिलाड़ी करते हैं अभ्यास

एक खेल नर्सरी में 25 खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। खेल नर्सरी में चयन के लिए 7 शारीरिक टेस्ट शामिल हैं, जिसमें 30 मीटर दौैड़, स्टैंडिंग ब्रोड जंप, 800 मीटर दौड़, बाल थ्रो, वर्टिकल जम्प, फारवर्ड बैंडिंग और शैटल रन में खिलाड़ियों का प्रदर्शन आंका जाता है। जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी पर इन खेल नर्सरियों का निरीक्षण करने एवं इसकी रिपोर्ट खेल विभाग को भेजने का जिम्मा होता है।

खेल नर्सरी को लेकर विभाग की ओर से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में इस साल खेल नर्सरियां शुरू होने की कम ही संभावना दिखाई दे रही है। अगर बीच में खेल नर्सरी शुरू कराने संबंधी खेल विभाग की ओर से कोई आदेश जारी होते हैं तो उसी के अनुसार आगामी कार्यवाही की जाएगी।

जे.जी. बैनर्जी,
जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी

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